भारी मंहगाई तथा मेहनतकशों व लोगों पर दूसरे हमलों का सामना करने के लिये अपने देश के ट्रेड यूनियनों व मज़दूर वर्ग संगठनों ने 5 मार्च, 2010 को सर्व हिन्द विरोध के दिन का आयोजन किया है।
भारी मंहगाई तथा मेहनतकशों व लोगों पर दूसरे हमलों का सामना करने के लिये अपने देश के ट्रेड यूनियनों व मज़दूर वर्ग संगठनों ने 5 मार्च, 2010 को सर्व हिन्द विरोध के दिन का आयोजन किया है।
मज़दूर वर्ग की प्रमुख मांगें हैं कि खाद्यान्नों, दालों, चीनी तथा दूसरी जरूरी खाद्य पदार्थों की कीमतों पर काबू पाने के लिये तात्कालिक कदम उठाये जायें। एक सर्वव्यापी आधुनिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्थापित की जाये, जिसमें सभी लोगों को नियंत्रित कीमतों पर, अच्छी गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ उपलब्ध हों।
साथ ही एक यह भी मांग है कि असंगठित मज़दूरों के लिये सामाजिक सुरक्षा कानून 2008 को विस्तृत किया जाये ताकि गरीबी रेखा के ऊपर होने के आधार पर मज़दूरों को उसके दायरे के बाहर रखने के प्रतिबंध हटाये जा सकें।
मज़दूर यह भी मांग कर रहे हैं कि बिना किसी अपवाद के, सभी श्रम कानूनों को लागू करना चाहिये और श्रम कानूनों का उल्लंघन करने वालों को कठोर सज़ा दी जाये।
मज़दूरों की मांग है कि सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों का किसी भी बहाने, निजीकरण न किया जाये।
दिल्ली में, ट्रेड यूनियनें व मज़दूर वर्ग संगठन यह मांग रख रहे हैं कि आज की कीमतों को देखते, न्यूनतम वेतन को तुरंत बढ़ा कर 8500 रुप्रतिमाह किया जाये।
मज़दूर एकता लहर, मज़दूर वर्ग के इस प्रदर्शन को सलाम करती है और सभी मज़दूरों को बुलावा देती है कि, पार्टी या यूनियन में अंतर को परे रख कर, इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये इसमें शामिल हों।