भारत सरकार नौपरिवहन एम्पलाइज यूनियन (गोवा) और गोवा ए.आई.टी.यू.सी. ने 17 दिसंबर 2009 को कैपटन आफ पोर्ट के दफ्तर के सामने राज्य की नदियों में नौका सेवा के निजीकरण किये जाने के खिलाफ धरना आयोजित किया। नदी नौपरिवहन प्रभाग से छीनकर इस सेवा को निजी हाथों में दिये जाने के खिलाफ यह धरना आयोजित किया गया था।
भारत सरकार नौपरिवहन एम्पलाइज यूनियन (गोवा) और गोवा ए.आई.टी.यू.सी. ने 17 दिसंबर 2009 को कैपटन आफ पोर्ट के दफ्तर के सामने राज्य की नदियों में नौका सेवा के निजीकरण किये जाने के खिलाफ धरना आयोजित किया। नदी नौपरिवहन प्रभाग से छीनकर इस सेवा को निजी हाथों में दिये जाने के खिलाफ यह धरना आयोजित किया गया था।
धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने बताया कि इससे पहले जब एक निजी कंपनी को निजी नाव सेवा चलाने की इजाज़त दी गयी थी उस वक्त एक नाव को तटवर्ती इलाके के बीच छोड़ दिया गया था जिससे मछुआरों के साथ-साथ पर्यावरण को भी काफी नुकसान हुआ था। धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने यह मांग की है कि गोवा सरकार ने तुरंत 20 नई नाव खरीदकर आम आदमी के लिए बेहतर सेवा का इंतजाम करना चाहिए, जो अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए इसका इस्तेमाल करता है।