देश के तेल और गैस मजदूरों ने मुम्बई में 11-12 दिसम्बर, 2009 को अपने संगठन की गोष्ठी की।
गोष्ठी के नारे थे – ''आत्मनिर्भर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिये तेल की सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों की रक्षा करो!'' और ''ट्रेड यूनियन बनाने और सामूहिक सौदे के अधिकार को सुरक्षित करने के लिये नियमित और ठेका मजदूरों के संघर्षों को एकजूट किया जाये!''
देश के तेल और गैस मजदूरों ने मुम्बई में 11-12 दिसम्बर, 2009 को अपने संगठन की गोष्ठी की।
गोष्ठी के नारे थे – ''आत्मनिर्भर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिये तेल की सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों की रक्षा करो!'' और ''ट्रेड यूनियन बनाने और सामूहिक सौदे के अधिकार को सुरक्षित करने के लिये नियमित और ठेका मजदूरों के संघर्षों को एकजूट किया जाये!''
संगठन से जुड़े 48 यूनियनों ने गोष्ठी में भाग लिया। इनमें शामिल थे ओ.एन.जी.सी., ओ.आई.एल., जी.ए.आई.एल, आई.ओ.सी.एल., बी.पी.सी.एल., एच.पी.सी.एल., सी.पी.सी.एल., के.आर.एल., एन.आर.एल. के प्रतिनिधि।
गोष्ठी में निजीकरण की नीति की निंदा की गई, वेतन पर चल रही वर्तमान बातचीत पर चर्चा की गई। नियमित और ठेका मजदूरों के संघर्षों को जोड़ने की जरूरत पर जोर दिया गया।