गाज़ा पर इस्राइली हमले की सालगिरह पर विरोध प्रदर्शन

31दिसम्बर, 2009और 9जनवरी, 2010के बीच मिश्र, गाज़ा, इस्राइल और दुनिया के कई शहरों में, गाज़ा पर इस्राइली हमले की सालगिरह के अवसर पर दसों-हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये।

31दिसम्बर, 2009और 9जनवरी, 2010के बीच मिश्र, गाज़ा, इस्राइल और दुनिया के कई शहरों में, गाज़ा पर इस्राइली हमले की सालगिरह के अवसर पर दसों-हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये।

मिश्र के कायरो शहर में 43 देशों से 1400 से अधिक कार्यकर्ता एकजुट हुये। उन्होंने इस्राइल की अवैध नाकेबंदी को तोड़ने के इरादे से, गाज़ा तक जलूस निकाल कर फिलिस्तीनियों के साथ मिलकर प्रदर्शन करने की योजना बनायी। मिश्र के अधिकारियों ने उन्हें गाज़ा में प्रवेश करने से रोक दिया। इसकी वजह से ''मुक्ति प्रदर्शकों'' को कायरो में ही रहना पड़ा। वहां उन्होंने कई प्रदर्शन किये ताकि दुनिया के लोगों पर यह दबाव डाला जाये कि फिलिस्तीनियों को इंसाफ दिलाने के लिये व्यापक संघर्ष करना जरूरी है। कई दिनों तक सलाह-मशवरा करने के बाद मिश्र के अधिकारियों ने रफाह नामक दक्षिण गाज़ा के शहर के निकट सीमा (जो स्वाभाविकत: बंद रहता है) से एक छोटे से प्रतिनिधिमण्डल को आगे बढ़ने दिया।

''गाज़ा मुक्ति प्रदर्शकों'' ने 1जनवरी, 2010को एक ऐलाननामा जारी किया जिसमें उन्होंने इस्राइली भेद-भाव की नीति के खिलाफ़ दुनिया भर में अभियान को तेज़ करने का अह्वान दिया।

हजार से अधिक लोगों, जिनमें यहूदी और अरब लोग दोनों शामिल थे, ने इस्राइल में एक विरोध रैली आयोजित की। उन्होंने तोड़ी गई इमारतों में बच्चों की तस्वीरों के बैनर हाथ में लिये थे। प्रदर्शकों ने ''फिलिस्तीन को मुक्त करो!'' और ''नाकाबंदी नहीं चलेगी!'' के नारे लगाये और ''गाज़ा की नाकेबंदी खत्म करो!'' और ''गाज़ा को मुक्ति और इंसाफ'' के बैनर उठाये। प्रदर्शकों ने कहा कि इस्राइल घोर जंग अपराध कर रहा है और उसे नाकेबंदी को खत्म करना चाहिये।

गाज़ा की नाकेबंदी के अलावा, फिलिस्तीनी आन्दोलनकारियों की रिपोर्टों से जाना जाता है कि इस्राइल ने नये वर्ष के आरंभ में गाज़ा पट्टी के उत्तारी, दक्षिणी और पूर्वी इलाकों पर युध्द विमानों और टैंकों से हवाई तथा जमीनी बम गिराये। परन्तु फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि 2008-2009 में जब इस्राइल ने तीन हफ्तों तक लगातार गाज़ा पट्टी पर बम बरसाये थे, जिसमें 1400 फिलिस्तीनी लोग मरे थे और 4000 घर नष्ट हुये थे, उसके बाद उनकी सरकार बहुत मजबूत हो चुकी है। पिछले हमले में नष्ट हुयी दो इमारतों का पुन:उद्धाटन करते हुये उन्हाेंने कहा कि ''हमारी सरकार और हमास आंदोलन पर इस्राइल द्वारा जंग और दबाव से हम कमजोर नहीं हुये हैं'' और उन्होंने वादा किया कि उनकी सरकार जंग में नष्ट हुयी सारी इमारतों का फिर से निर्माण करेगी।

दुनिया के कई और शहरों में फिलिस्तीनियों के साथ समर्थन दर्शाने के लिये रैलियां आयोजित की गईं, जिनमें थे – उत्तारी अमरीका में वेन्कूवर, कैलगरी, न्यूयार्क, शिकागो, बास्टन, फिलाडेलफिया तथा सैनफ्रांसिस्को; यूरोप में लंदन, बेलफास्ट, पैरिस, मारसे, एमस्टरडेम और बर्न; आस्ट्रेलिया में एडलेड, एशिया में टोकियो, कायरो, इस्तानबुल और अम्मान (जार्डन), इत्यादि।

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