14दिसम्बर, 2009को आर्थिक संकट से जूझ रही लगभग 50साल पुरानी समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया (यू.एन.आई.) को सरकार की ओर से वित्ताीय पैकेज दिए जाने की मांग को लेकर यू.एन.आई. के सैकड़ों कर्मचारियों ने ससंद पर मार्च किया।
14दिसम्बर, 2009को आर्थिक संकट से जूझ रही लगभग 50साल पुरानी समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया (यू.एन.आई.) को सरकार की ओर से वित्ताीय पैकेज दिए जाने की मांग को लेकर यू.एन.आई. के सैकड़ों कर्मचारियों ने ससंद पर मार्च किया।
यू.एन.आई. कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में लोक राज संगठन के अलावा, पत्रकारों, मजदूर संगठनों के और मानवाधिकार संगठनों के कार्यकर्ताओं ने यू.एन.आई. प्रांगण में एकत्रित होकर, संसद की ओर मार्च किया।
ज्ञात रहे कि यू.एन.आई. के कर्मचारियों ने इस समाचार एजेंसी को निजी हाथों में जाने से बचाने के लिए एक लंबा संघर्ष लड़ा था।
यू.एन.आई. पिछले पचास वर्षों से बगैर किसी लाभ-हानि के असूल पर चलने वाली संस्था है। देश के अलग-अलग शहरों और राज्यों से हजारों की संख्या में निकलने वाले अखबारों के लिए समाचार के लिए यह संस्था एक बड़ा स्रोत है।
जुलूस के बाद आयोजित की गई सभा को बिरजू नायक (लोक राज संगठन), प्रो. भीम सिंह (पैंथर्स पार्टी), कमर आलम (राष्ट्रीय जनता दल), सुरेन्द्र नौटियाल (उत्ताराखंड परिवर्तन पार्टी), अमरजीत कौर (एटक), राजीव डिमरी (एक्टू), अजय त्यागी (पी.टी.आई. यूनियन), सैयद अहमद इकबाल (उर्दू प्रेस क्लब) और राजेश कुमार (यू.एन.आई. वर्कर्स यूनियन) आदि ने संबोधित किया।