ओडिसा के कोरापुट जिले के नारायणपटना ब्लॉक में राज्य की पुलिस ने आदिवासियों के खिलाफ़ जबर्दस्त दमन का अभियान शुरु किया हुआ है।
ओडिसा के कोरापुट जिले के नारायणपटना ब्लॉक में राज्य की पुलिस ने आदिवासियों के खिलाफ़ जबर्दस्त दमन का अभियान शुरु किया हुआ है।
कई दशकों से इस इलाके के लोगों को जंगल अधिकारी, शासन तंत्र, पुलिस और भू-माफिया इत्यादि द्वारा शोषण और दमन का शिकार बनाया जाता रहा है। इन आदिवासी लोगों से उनकी पारंपरिक जमीन और रोजी-रोटी का जरिया जबर्दस्ती से छीन लिया गया है। शोषण और अपने रोजी-रोटी छीने जाने के खिलाफ़ इन आदिवासी लोगों के प्रतिरोध को दबाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इन लोगों के खिलाफ़ धमकी, बलात्कार और कत्ल सहित तमाम हथकंडों का लगातार इस्तेमाल करते आये हैं। इस दमन को जायज साबित करने के लिए प्रशासन इन आदिवासियों को ''माओवादी'' घोषित कर रहा है।
20 नवंबर को पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों पर अंधाधुंध गोलीबारी किया जिसमें दो कार्यकर्ता मारे गये। 63 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। विरोध कर रहे आदिवासियों को पीटा गया, महिलाओं पर हमला किया गया और उनके घरों और फसलों को बर्बाद किया गया। आदिवासियों और उनके संघर्ष को कुचलने के लिए सी.आर.पी.एफ., आर.पी.एफ. और विशेष पुलिस की टुकड़ियां तैनात की जा रही हैं। 10 दिसंबर, 2009 को जमींदारों के गुंडों ने पुलिस की मौजूदगी में 9 महिला कार्यकर्ताओं पर हमला किया जो इस इलाके का दौरा कर रही थीं। हमले में महिलाएं जख्मी हुईं।
मजदूर एकता लहर नारायणपटना में आदिवासी लोगों पर चलाये जा रहे दमन, उनको जमीन से और रोजी-रोटी से वंचित किए जाने, उनके प्रतिरोध को पुलिस दमन द्वारा कुचले जाने की कड़ी निंदा करती है। मजदूर एकता लहर मजदूर वर्ग और तमाम मेहनतकश लोगों से यह आह्वान करती है कि देशभर में हमारे आदिवासी भाईयों पर चलाये जा रहे शोषण-दमन के खिलाफ़ आवाज़ उठाएं।