मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
हरियाणा में लोक निर्माण विभाग (पी.डब्ल्यू.डी.) कर्मचारी अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन गर्वमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन की अगुवाई में किये जा रहे हैं। पानीपत में 6 फरवरी को पी.डब्ल्यू.डी. कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। वहां से रोष जुलूस निकालते हुए लघु सचिवालय पहुंचकर कर्मचारियों ने सरकार के खि़लाफ़ नारे लगाए। उन्होंने जिला उपायुक्त के ज़रिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। इस तरह के विरोध प्रदर्शन 29 जनवरी को कुरुक्षेत्र और 3 फरवरी को करनाल और अंबाला में हुये हैं।
इन प्रदर्शनों में कर्मचारी सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों पर विरोध जता रहे हैं। यूनियन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को प्रदेश स्तर पर व्यापक किया जाएगा।
पी.डब्ल्यू.डी. के कर्मचारी अपनी मांगों के लिये लंबे समय से संघर्षरत हैं। बीते 11 अगस्त, 2024 को हरियाणा में बड़ी रैली हुई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 20 अगस्त तक कर्मचारियों की लंबित मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन उनकी मांगें आज भी जस की तस हैं।
ज्ञापन में दी गई मुख्य मांगें हैं – पुरानी पेंशन नीति बहाल की जाए। सिंचाई विभाग में कार्यरत हरियाणा कौशल रोज़गार निगम (एच.के.आर.एन). से हटाए गये मज़दूरों को दोबारा बहाल किया जाए। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में पिछले 18 वर्ष से कार्यरत लगभग 1,500 कर्मचारियों को नियमित किया जाए। विकास एवं पंचायत विभाग में कार्यरत सभी जलकर्मियों को नियमित किया जाए। सभी कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल सुविधा दी जाए। सिंचाई, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिक व पंचायत – तीनों विभागों में वर्कलोड के मुताबिक नए पद सृजित कर नई भर्ती की जाए और ठेका प्रथा समाप्त की जाए, आदि।