संपादक महोदय,
मैंने हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की 44वीं सालगिरह के कार्यक्रम में भाग लिया। इसमें मुझे बहुत-सी चीज़ों की जानकारी मिली। इसमें पार्टी के महासचिव का भाषण पढ़ा गया। उसमें देश-विदेश की सारी जानकारियां निहित हैं। हमारे देश में लोगों की हालत बद से बदतर क्यों होती जा रही है, इसके बारे में बहुत ही अच्छे से जानकारी दी गई। इस पार्टी में हर एक मुददे पर खुलकर चर्चा की जाती है। उसे समझाया जाता है। मुझे इस पार्टी का हिस्सा बनकर बहुत ही खुशी होती है। सबसे अच्छी बात मुझे लगती है कि महिलाओं को बहुत सम्मान दिया जाता है, उनकी बातों को गौर से सुना जाता है। महिलाओं को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाता है, उन्हें जागरुक किया जाता है। अन्य पार्टियां ऐसा नहीं करती हैं।
इस पार्टी में बताया जाता है कि देश-दुनिया में गैर-बराबरी क्यों है, इसे क्यों बरकरार रखा गया है। यह व्यवस्था मज़दूरों, किसानों, महिलाओं के शोषण पर आधारित है। यह व्यवस्था पूंजीवादी व्यवस्था है जिसमें अलग-अलग सरकारें आती हैं और लोगों को बताती हैं कि वे हमारे हित में काम करेंगी और इस तरह हमें बुद्धु बनाने का काम करती हैं। चुनाव में कोई भी उम्मीदवार खड़ा कर दिया जाता है लेकिन लोगों से पूछा नहीं जाता है और बोलते हैं कि यह जनता के लिए काम करेगा। लेकिन जब उम्मीदवार जीत जाता है तो भी लोगों के लिये कुछ काम नहीं करता है।
पढ़ने के लिए अच्छे स्कूल और कॉलेज नहीं है। इलाज के लिए अच्छे अस्पताल नहीं हैं। प्राइवेट स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा पैसा देकर एडमिशन मिलता है लेकिन जब लोगों के पास खाने के लिए पैसा नहीं है तो वह पढ़ेगा कैसे? स्कूलों और कॉलेजों में एडमिशन धर्म-जाति के आधार पर किया जाता है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। स्कूल और कॉलेज में जब हम पढ़ते हैं तो जाति या धर्म के आधार पर नहीं पढ़ते हैं। सभी के लिए बेहतर स्कूल और कॉलेज होने चाहिएं। सबके लिये अच्छी नौकरी होनी चाहिए। यह केवल तभी हो सकता है जब हम एकजुट होकर संघर्ष करेंगे और इस पूंजीवादी व्यवस्था का अंत करेंगे।
धन्यवाद, रोशनी
दिल्ली