मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ में 2900 सहायक शिक्षक अपनी नौकरियों को बचाने के लिये संघर्षरत हैं। 12 जनवरी, 2024 को शिक्षकों ने करीब 5 किलोमीटर दंडवत होकर यात्रा निकाली। इससे पहले 10 जनवरी को एन.सी.ई.टी. (नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन) की शव यात्रा निकाली और पुतला दहन किया। 3 जनवरी से शिक्षक सामूहिक अनशन पर थे। शिक्षक अपनी बर्ख़ास्तगी को समाप्त करने की मांग को लेकर सरकार के खि़लाफ़ विरोध प्रकट करने के लिये अनेक तरीके़ अपनाये हैं।
छत्तीसगढ़ के सरकारी शिक्षकों ने बर्ख़ास्त बीएड सहायक शिक्षकों के संघर्ष का समर्थन किया है। वे सहायक शिक्षकों के साथ प्रदर्शन करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासकीय तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने भी इन सहायक शिक्षकों के आंदोलन को समर्थन दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस समय छत्तीगढ़ में 33 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। ऐसी स्थिति में 3 हजार शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया है।
बर्ख़ास्त करने की वजह क्या है?
विदित रहे कि बस्तर और सरगुजा संभाग में 6285 पदों पर सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 4 मई, 2023 को नोटिफिकेशन जारी किया गया। जून 2023 से भर्ती परीक्षा आयोजित की गई। जुलाई 2023 को रिजल्ट जारी किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी रिजल्ट के आधार पर भर्ती के लिए सत्यापन और काउंसलिंग शुरू कर दी थी। बीएड के अभ्यार्थियों की भी काउंसलिंग हुई और करीब 2900 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति हुई। नियुक्ति के बाद उन्होंने कई महीने तक नौकरी भी की।
इसी बीच अप्रैल 2024 में बिलासपुर हाईकोर्ट का एक फै़सला आया। फैसले में बीएड के अभ्यर्थियों की जगह डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की बात कही गई। हाईकोर्ट के इस निर्णय के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खरिज कर दिया। 10 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने सहायक बीएड शिक्षकों के खि़लाफ़ बिलासपुर हाई कोर्ट के फैसले को बरकारा रखते हुये, इस पर 2 सप्ताह में कार्यवाही करने के आदेश दिया। कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने 2900 सहायक शिक्षकों की 31 दिसंबर की देर रात को बर्ख़ास्तगी का आदेश जारी कर दिया।
बीएड सहायक शिक्षकों ने अपनी नियुक्ति बरकरार रखने के लिए 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल यात्रा शुरू की थी। रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से यात्रा धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे। सहायक बीएड शिक्षकों ने अपनी नौकरी बचाने के आंदोलन को जारी रखा हुआ है।
हाल में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्य के नौजवान भर्ती प्रतियोगिताओं में भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी के खि़लाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। देश में बढ़ती बेरोजगारी के चलते, एक अदद नौकरी के लिए आपस में लड़ाया जा रहा है। नौकरी के लिए भर्ती परीक्षाओं का प्रश्न पत्र का लीक हो जाना या भर्ती परीक्षा का भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाना या अभ्यर्थियों का नौकरी के लिए चुना जाना और बाद में उसे रद्द किया जाना – इसके लिए राज्य और उसकी एजेंसियां दोषी हैं।