मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
10 दिसम्बर, 2024 को हजारों की संख्या में आशा मज़दूरों ने आशा वर्कर्स यूनियन की अगुवाई में अपनी मांगों को लेकर हैदराबाद के जिला चिकित्सा एवम स्वास्थ्य कार्यालय का घेराव करके ज़ोरदार प्रदर्शन किया।
आशा कार्यकर्ताओं ने मांग की कि सरकार उनके वेतन को कम से कम 18,000 रुपये प्रति माह निश्चित करे। इसके अलावा, सरकार 50 लाख रुपये का बीमा कवर, 2 लाख रुपये का सेवानिवृत्ति समझौता, ई.एस.आई. और उनकी मृत्यु की स्थिति में उनके अंतिम संस्कार के लिए 50,000 रुपये दे।
आशा मज़दूरों की संयुक्त निदेशक के साथ वार्ता हुई। संयुक्त निदेशक ने बताया कि निश्चित वेतन लागू करना एक नीतिगत निर्णय है। ऐसा निर्णय केवल सरकार को लेना होगा। उन्होंने आशा मज़दूरों को आश्वासन दिया कि अब से उन्हें रविवार और त्योहारों पर अवकाश मिलेगा। कुष्ठ रोग और पल्स पोलियो के सर्वेक्षण के लिए आशा मज़दूरों को अभी तक का भुगतान नहीं किया गया है। इस विषय पर संयुक्त निदेशक ने कहा कि मज़दूरी का 25 प्रतिशत भुगतान किया गया है, और आश्वासन दिया कि शेष राशि का भुगतान जल्द ही कर दिया जाएगा।
अपनी मांगों को लेकर भावी रणनीति का खुलासा करते हुए, आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे 17 दिसंबर से और अधिक विरोध प्रदर्शन करेंगी, जिसमें बस यात्रा, पदयात्रा, जिला मुख्यालयों पर क्रमिक भूख हड़ताल और विधायकों के घरों के सामने विरोध प्रदर्शन शामिल हैं। ताकि हम राज्य सरकार पर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बना सकें।
आशा मज़दूरों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि अगर फरवरी 2025 में बजट सत्र तक उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रही, तो वे सभी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।