मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
3 दिसम्बर, 2024 को उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित राष्ट्रीय दलित स्मारक के अंदर किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे। किसानों को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने दोपहर को जबरन गिरफ़्तार कर लिया। धरना में शामिल बुजुर्ग महिलाओं को भी पुलिस ने गिरफ़्तार किया।
किसानों की मांग है कि नए भूमि अधिग्रहण क़ानून के अनुसार, अधिग्रहण की गई भूमि की 10 प्रतिशत ज़मीन को विकसित करके किसानों को आवास के लिये दिया जाना चाहिए। नए भूमि अधिग्रहण क़ानून के हिसाब से प्राधिकरण सर्किल रेट के आधार पर चार गुना मुआवज़ा दे। किसानों के बच्चों को रोज़गार दिया जाए।
किसानों ने बताया कि सन, 1997 से कई बार अलग-अलग समय पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नए उद्योग लगाने के नाम पर किसानों से उनकी ज़मीनें ली थीं। प्राधिकरण ने उनसे वादा किया था कि उन नए उद्योगों में किसानों के 40 प्रतिशत बच्चों को रोज़गार दिया जायेगा। लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने किसानों की ज़मीनों को व्यवसायिक व आवास बनाने के लिये निजी रियल एस्टेट कंपनियों को बेच दिया। किसानों के बच्चों को कोई रोज़गार नहीं मिला।
किसानों ने बताया कि अपनी मांगों की ओर प्रदेश सरकार का ध्यान दिलाने के लिए बीते कई सालों से संघर्ष कर रहे हैं। सरकार की ओर से आश्वासन के अलावा कोई क़दम नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नोएडा और गे्रटर नोएडा के किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए हाई पावर कमेटी, जिसका गठन फरवरी 2024 में हुआ था, उसकी सिफ़ारिशों पर सरकार कोई ठोस क़दम नहीं ले रही है।
ग़ौरतलब है कि किसानों ने गे्रटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्यालय पर 25 से 28 नवम्बर, चार दिन का महापड़ाव किया। 2 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में क़रीब 5 हजार किसानों ने शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर कूच किया। पुलिस ने किसानों को दिल्ली की ओर जाने से रोकने के लिए कई बाधाएं खड़ी कीं। किसानों ने शांतिपूर्वक दिल्ली जाने के उनके अधिकार की रक्षा के लिए, पुलिस द्वारा लगाये गये बैरियरों को हटाया। किसानों के द्वारा ऐसा किए जाने पर पुलिस किसानों पर टूट पड़ी। सरकार के प्रतिनिधि ने किसानों को प्राधिकरण के साथ वार्ता करवाने का आश्वासन देकर मनाया तथा वार्ता होने तक किसानों को राष्ट्रीय दलित स्मारक के अंदर धरना करने की अनुमति दी गई।
राष्ट्रीय दलित स्मारक के अंदर धरना में बैठे किसानों की गिरफ़्तारी से नोएडा के ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ गया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की नोएडा में महापंचायत करने के ऐलान के बाद पुलिस को अगले दिन, 4 दिसम्बर, 2024 को गिरफ़्तार किसानों को बिना शर्त छोड़ना पड़ा।