मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
9 दिसम्बर, 2024 को राजस्थान में बिजली के निजीकरण के खि़लाफ़ राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति (कर्मचारी, अधिकारी एवं अभियन्ता मंच) ने बैठक की। संघर्ष की आगे की रणनीति तैयार की। इस संयुक्त संघर्ष समिति में राजस्थान के बिजली क्षेत्र की 17 यूनियनें शामिल हैं।
ग़ौरतलब है कि राजस्थान में पांच प्रमुख सरकारी बिजली निगम हैं – राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम, जयपुर विद्युत वितरण निगम, अजमेर विद्युत वितरण निगम, एवं जोधपुर विद्युत वितरण निगम। सरकार द्वारा राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम में पूर्व से ही स्थापित एवं फ़ायदे में चल रही पावर इकाइयों में ज्वाईंट वेंचर के नाम पर एवं तीनों वितरण निगमों में अन्य नामों से निजीकरण किया जा रहा है।
राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने बताया कि बिजली क्षेत्र का निजीकरण मज़दूरों व राजस्थान के लोगों पर एक बहुत बड़ा हमला है। प्रदेश में यदि बिजली का निजीकरण होगा तो सरकारी नियंत्रण ख़त्म हो जायेगा। प्राईवेट कम्पनियां अपनी मनमानी करेंगी। घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को मिलने वाली 100 यूनिट प्रतिमाह एवं कृषि उपभोक्ताओं को मिलने वाली 2,000 यूनिट की छूट बन्द हो जायेगी।
प्राईवेट कम्पनियों को फ़ायदा पहुंचाने के लिये लागत से दुगनी दर पर स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं जो सामान्य मीटर से 20 से 50 प्रतिशत अधिक चलेंगे। परिणामस्वरूप आम जनता का बिजली का बिल बढ़ेगा। सरकारी बिजली निगमों का उद्देश्य जनसेवा है। सार्वजनिक बिजली क्षेत्र बेरोज़गार युवाओं के लिये स्थाई रोज़गार का एक बडा सेक्टर है, लेकिन यदि निजीकरण हुआ तो बिजली क्षेत्र में युवाओं के लिये स्थाई रोज़गार के अवसर समाप्त हो जायेंगे। निजी कंपनी का उद्देश्य मात्र मुनाफ़ा कमाना है। सरकार की निजीकरण की सभी योजनाएं मात्र पूंजीपतियों को फ़ायदा पहुंचाने की हैं।
सोलर पावर परियोजनाओं के संबंध में समिति का कहना है कि यह परियोजना प्रदेश की बेशक़ीमती ज़मीन पूंजीपतियों को सौंपने की योजना है। इन ज़मीनों में पशु चारागाह भी शामिल हैं।
बैठक में यह फ़ैसला हुआ कि 11 दिसम्बर, 2024 को राजस्थान में पूरे प्रदेश की विद्युत कर्मचारी कार्यालय में पूरे दिन काली पट्टी बांधकर विरोध जाहिर करेंगे। 16 दिसम्बर को अजेमर डिस्कॉम एवं जोधपुर डिस्कॉम के निगम मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा। 20 दिसम्बर को जयपुर डिस्कॉम निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही, बिजली के निजीकरण के ख़िलाफ़ जनजागरण चलाया जाएगा तथा जनप्रतिनिधियों से समर्थन की मांग की जाएगी।