8 नवंबर, 2024 को पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने एक दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया। इस हड़ताल का आयोजन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के तीन संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच के बैनर तले किया गया। हड़ताल के कारण राज्यभर में बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहे।
आंगनवाड़ी कर्मियों ने हड़ताल के दौरान प्रत्येक जिले में रैलियांे, प्रदर्शनों और धरनों का आयोजन किया। अलग-अलग जिलों के कलेक्ट्रेट के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी लंबित आठ सूत्री मांगों को लेकर, कलेक्टर को केंद्र सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। कई जगहों पर उन्होंने मज़बूरन चक्काजाम का आयोजन किया ताकि वहां का कलेक्टर उनका ज्ञापन स्वीकार करे।
ज्ञापन के अनुसार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 10 हजार रुपये और सहायिकाओं को 5 हजार रुपए के न्यूनतम मानदेय पर काम करना पड़ रहा है। बढ़ती महंगाई के इस दौर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका आर्थिक रूप से तथा मानसिक रूप से परेशान हैं। यह राशि उनके काम के लिहाज से कुछ भी नहीं है। इस मानदेय में केंद्र और राज्य सरकार दोनों का हिस्सा शामिल है। सरकार ने उनकी नियमितीकरण की मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्हें कभी कहा जाता है कि आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हो, कभी राज्य का कर्मचारी बताया जाता है। सरकारें पहले तय करें कि हम किसके कर्मचारी हैं।
आंगनवाड़ी कर्मियों ने मांग की कि छत्तीसगढ़ के सभी आंगनवाड़ी कर्मियों का नियमितिकरण करते हुए राज्य के कर्मचारी घोषित किये जाये। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रतिमाह 21,000 रुपए तथा सहायिका को प्रतिमाह 17,850 रुपए वेतन दिया जाए। सेवानिवृत्ति के बाद कार्यकर्ता को प्रतिमाह 10 हजार रुपए और सहायिकाओं को 8 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन का लाभ दिया जाए। ग्रेज्युटी की राशि कार्यकर्ता को एक मुश्त 5 लाख रुपए तथा सहायिकाओं को 4 लाख रुपए दिया जाए। भविष्य की सुरक्षा के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं को समूह बीमा योजना का लाभ दिया जाए।
ज्ञापन में आगे कहा गया है कि मानेदय के साथ-साथ अनुपातिक महंगाई भत्ता का लाभ भी दिया जाए। लम्बे समय से कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पदोन्नति का लाभ बिना किसी परीक्षा के रिक्त पदों पर किया जाये। सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर निःशर्त पदोन्नत किया जाए। आंगनवाड़ी केन्द्रों के सभी हितग्राहियों के लिए गरम भोजन बनाने के लिए गैस सिलेण्डर एवं चूल्हा उपलब्ध कराया जाए तथा गैस आपूर्ति की निरंतरता की सुविधा प्रदान की जाए। जिससे ईंधन के अभाव में भोजन प्रभावित न हो।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुई तो आगामी दिनों में आंदोलन को तेज़ किया जायेगा।