मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
पंजाब में धान की ख़रीद की ख़राब व्यवस्था के ख़िलाफ़ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। पंजाब के अलग-अलग जिलों में भारतीय किसान यूनियन सिद्धुपुर की अगुवाई में किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार के ख़िलाफ़ ‘भाजपा सरकार मुर्दाबाद!’, ‘आम आदमी पार्टी की सरकार मुर्दाबाद!’ के नारे लगा रहे हैं।
किसानों की मांग है कि धान पर 200 रुपये प्रति क्विंटल बोनस केवल पराली प्रबंधन के लिए दिया जाए। ख़रीद के लिए धान की नमी को 17 से बढ़ाकर 19 प्रतिशत किया जाये।क डी.ए.पी. जैसी खादों की समस्या का तुरंत समाधान किया जाना चाहिए। सरकार को धान के हरेक ग्राम को एमएसपी पर ख़रीदना चाहिए ताकि कोई बिचैलिया किसान को लूट न सके।
भारतीय किसान यूनियन सिद्धुपुर के कार्यकर्ता करण सिंह का कहना है कि सरकार अभी 17 प्रतिशत नमी पर ख़रीद करती है। हमारी मांग है कि वे धान में 2 प्रतिशत अधिक नमी बढ़ाए।
बरनाला जिला के किसानों का कहना है कि पिछले कई दिनों से दाना मंडी में उनकी फ़सल की ख़रीदी नहीं हो रही है। इसके अलावा ख़रीदी गई फ़सल का उठान नहीं हो रहा है, जिससे धान ख़राब होने लगा है। ख़रीदी केंद्र में धान की ख़रीदारी धीमी गति से की जा रही है। अनाज मंडी कुतबा में, धान में नमी अधिक होने के कारण फ़सल नहीं ख़रीदी जा रही है, जिसके कारण किसान कई दिनों से मंडियों में बैठे हैं।
नेताओं का कहना है कि उठान की पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग को लेकर मार्केट कमेटी के अधिकारियों को पूरी स्थिति से अवगत करा दिया गया है। मार्केट कमेटी ने कहा है कि किसानों की धान की फ़सल को तुरंत ख़रीदने और उठान की व्यवस्था करने का समाधान निकाला जा रहा है। किसान नेताओं ने केंद्र और पंजाब सरकार से मांग की कि धान के सीजन के दौरान ख़रीद केंद्रों से धान की फ़सल की तुरंत ख़रीद और उठान के लिए पर्याप्त व्यवस्था करें।
फाज़िल्का में अनाज मंडी में किसानों से धान की ख़रीद में धांधलेबाज़ी करने का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर से जुडे़ किसानों ने मार्केट कमेटी के दफ़्तर का गेट बंद कर दिया। बाद में समझौता होने के बाद गेट खोला गया।
किसानों का आरोप है कि अनाज मंडी में किसान धान की फ़सल लेकर पहुंच रहा है। लेकिन उनकी फ़सल में कटौती की जा रही है। सरकारी भाव से कम दाम में उनकी फ़सल ख़रीदी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक क्विंटल फ़सल के पीछे 200 रुपए तक या 10 किलो तक की काट लगाई जा रही है।