स्टेशन मास्टरों ने अपनी मांग को लेकर भूख हड़ताल की

मजदूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

Station Master16 अक्टूबर, 2024 को भारतीय रेल के स्टेशन मास्टरों ने ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन की अगुवाई में अपनी लंबित मांगों को जल्द पूरा किए जाने की मांग को लेकर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक दिन की भूख हड़ताल करके धरना दिया।

साथ ही देशभर में कार्यरत हजारों स्टेशन मास्टरों ने भूख हड़ताल पर बैठे अपने साथियों के समर्थन में, सभी रेलवे स्टेशनों पर ‘लंबित मांग पूरी करो!’ का बिल्ला लगाकर काम किया।

धरना स्थल पर स्टेशन मास्टर अपने सफेद ड्रेस में थे। वे बुलंद आवाज़ में – ‘स्टेशन मास्टरों से अमानवीय हालात में ड्यूटी कराना बंद करो!’, ‘12 घंटे का ड्यूटी रोस्टर बंद करो!’, ‘माॅडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन स्कीम (एमएसीपी) 1 जनवरी, 2016 से लागू करो!’, ‘स्टेशन मास्टरों को संरक्षा और तनाव भत्ता देना होगा!’, ‘पदोन्नति के लिए चार पदनाम बनाना होगा!’ – आदि नारे लगा रहे थे, जिसकी गूंज जंतर-मंतर के आसपास सुनाई पड़ रही थी।

इस धरने को विभिन्न स्टेशन मास्टरों ने संबोधित किया।

Station Masterअपने संबोधन में उन्होंने बताया कि स्टेशन पर स्टेशन मास्टर 12-12 घंटे की ड्यूटी करते हैं। यात्रियों की सुरक्षा को बनाएं रखने के लिए तनाव में काम करते हैं। लेकिन हमें संरक्षा एवं तनाव भत्ता से वंचित किया जा रहा है। हमें हर 10 साल में एमएसीपी का लाभ मिलना चाहिए। उसे 1 जनवरी, 2016 को लागू किया गया, लेकिन उसका विभागीय पत्र 16 फरवरी, 2018 को जारी किया गया है। इस बीच रिटायरमेंट हुए, स्टेशन मास्टरों को इसका लाभ नहीं मिला।

ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन का कहना है कि हमने अपनी मांगों के बारे में कई बार रेलवे बोर्ड को अवगत कराया है। लेकिन सिर्फ आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिला है। यहां तक कि श्रम आयोग में रेलवे के अधिकारियों ने हमें आश्वासन दिया कि वे जल्द ही हमारी समस्याओं का समाधान करेंगे। परंतु आज तक समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है।

स्टेशन मास्टरों ने अपनी लंबित मांगों के लिए संघर्ष को तेज़ करने का दृढ़ संकल्प प्रकट किया।

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