सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने से इनकार करने के बाद कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक साथी डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के बाद जूनियर डॉक्टरों ने ”काम बंद करो“ आंदोलन शुरू किया था। राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर विचार करने के आश्वासन के बाद उन्होंने 42 दिनों के बाद 21 सितंबर को अपनी हड़ताल समाप्त कर दी थी। परन्तु सरकार ने उनकी मांगों को मानने का कोई प्रयास नहीं किया है, इसलिए जूनियर डॉक्टरों ने 5 अक्तूबर से अपना आंदोलन फिर से शुरू कर दिया है।
प्रदर्शनकारी डॉक्टर मारे गए अपने साथी के लिए न्याय और इस जघन्य अपराध के सभी दोषियों को सख़्त सज़ा की मांग कर रहे हैं। वे राज्य के स्वास्थ्य सचिव को तत्काल हटाने, राज्य स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की पूरी जांच और दोषी पाए गए अधिकारियों के खि़लाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आए मरीजों की परेशानियों और उत्पीड़न को उजागर करते हुए प्रदर्शनकारी डॉक्टर राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल सिस्टम की स्थापना और बेड रिक्तियों की निगरानी प्रणाली लागू करने की मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वे अपने कार्यस्थलों पर ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम के साथ-साथ अस्पताल परिसर में सीसीटीवी की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करने की भी मांग कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तुरंत भरा जाए।
जूनियर डॉक्टरों का जारी आंदोलन, सुरक्षा की कमी, आराम करने की जगह की कमी और लंबे समय तक काम करने की भयानक स्थिति को दर्शाता है, जिसका डॉक्टरों को सामना करना पड़ता है। यह भी दर्शाता है कि सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली में इन ज़रूरी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार गंभीर नहीं है, जिसे डॉक्टरों ने उजागर किया है।
जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प जताया है।