मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ के किसानों और मज़दूरों ने 8 अक्तूबर, 2024 को भारत माता चौक को जाम किया। यह चक्का जाम, ख़रीफ़ की फ़सलों – मूंग, धान, बाजरा, मूंगफली – की एम.एस.पी. पर ख़रीद की मांग को लेकर किया गया। किसानों ने उक्त धरने की योजना 4 अक्तूबर को धरना स्थल पर की थी। यह पूरा कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित किया जा रहा है।
किसानों द्वारा व्यापारियों से अपील की गई कि वे किसानों के समर्थन में मंडियों को बंद रखें।
विदित रहे कि किसान अपनी ख़रीफ़ फ़सलों की एम.एस.पी. पर ख़रीद किये जाने की मांग को लेकर 19 सितंबर से हनुमानगढ़ के जिला कलेक्टेªट के सामने धरने पर बैठे हैं। किसानों की मांगों की प्रशासन द्वारा अनदेखी किये जाने के कारण किसानों ने 26 सितंबर को जिला कलेक्टेªट का घेराव किया था।
इसके बाद, जिला कलेक्टर से वार्ता हुई। जिला कलेक्टर द्वारा एडीएम हनुमानगढ़ के साथ किसान प्रतिनिधिमंडल को जयपुर में खाद्य, नागरिक एवं आपूर्ति विभाग के प्रमुख शासन सचिव से वार्ता करवाने के आश्वासन पर घेराव समाप्त किया गया था। परंतु धरना निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया गया था।
किसान प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रमुख शासन सचिव से वार्ता और आश्वासन के बाद भी धान और मूंग की एम.एस.पी. पर ख़रीद प्रारंभ नहीं की गई। न ही प्रशासन द्वारा किसानों से किसी भी प्रकार की वार्ता की गई। अब तक क़रीब डेढ़ लाख क्विंटल धान और मूंग बाज़ार भाव पर बिक चुका है।
धान की एम.एस.पी. 2,320 रुपये और मूंग की एम.एस.पी. 8,200 रुपये है। परंतु बाज़ार में धान 2,000 से 2,100 रुपए प्रति क्विंटल और मूंग 6,500 से 7,200 रुपये प्रति क्विंटल बाज़ार में बिक रहा है। इस प्रकार किसान अपने धान को 200 से 300 रुपये और मूंग 1,500 से 2,000 रुपये तक के कम मूल्य पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं।
इस मौके पर रेशम सिंह मानुका, सुभाष मक्कासर, रामेश्वर वर्मा, हनुमान प्रसाद शर्मा, रविंद्र सिंह, राय साहब, बलविंदर सिंह, लखबीर सिंह, राम प्रताप भांभू, अनिल भांभू, जगमीत कौर, गुरजीत और गुरप्रीत सिंह, आदि मौजूद थे।