पिछले 11 महीनों में यह बात बहुत स्पष्ट हो गई है कि अमरीका के समर्थन के बलबूते पर, इज़रायली राज्य, अपने नरसंहारी हमलों को बढ़ा कर तथा उन्हें और तेज़ कर के फ़िलिस्तीनी लोगों को उनकी मातृभूमि से बाहर निकालने के अपने एजेंडे को पूरा करने की भरसक कोशिश कर रहा है।
जुलाई में, हमास ने बाइडन प्रशासन और मध्यस्थों द्वारा रखे गए युद्ध विराम प्रस्ताव पर सहमत होने की अपनी इच्छा दिखाई थी। इसे विफल करने और अपने निरंतर हमले को जारी रखने को जायज़ ठहराने के लिए, अमरीकी साम्राज्यवादियों और इज़रायली राज्य ने नई शर्तें जोड़ दीं। इन शर्तों में यह शर्त भी शामिल थी कि इजरायली सेना मिस्र के साथ गाज़ा के दक्षिणी सीमा क्षेत्र पर, जिसे फिलाडेल्फी कॉरिडोर के नाम से जाना जाता है, उस पर असीमित नियंत्रण बनाए रखेगी। यह एक ऐसी मांग थी जिसके बारे में उन्हें निश्चित तौर पर पता था कि हमास को यह स्वीकार्य नहीं होगी। तब से गाजा में हजारों फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं और अधिक तबाही फैली है, क्योंकि इज़रायल ने अपने हवाई और जमीनी हमले जारी रखे हैं।
अगस्त के अंतिम सप्ताह में इज़रायल ने अपने कब्ज़े-वाले वेस्ट बैंक पर एक बड़ा सैन्य हमला किया। इज़राइली सेना ने जेनिन, तुलकेरेम और तुबास के क्षेत्रों में फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ सैकड़ों सैनिकों, बख्तरबंद वाहनों, बुलडोज़रों, ड्रोनों और लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। वेस्ट बैंक में इज़राइली सेना द्वारा सैकड़ों फ़िलिस्तीनी लोग या तो मारे गए और या घायल हुए हैं। इज़राइली सेना ने लोगों से वेस्ट बैंक खाली करने को कहा है।
1 सितंबर को इज़राइली सेना ने घोषणा की कि उसने दक्षिणी गाज़ा में एक सुरंग से छः बंधकों के शव बरामद किए हैं। इसे इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हमास के साथ युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर न करने को जायज़ ठहराने के लिए इस्तेमाल किया है। अमरीका और कई यूरोपीय साम्राज्यवादी शक्तियों ने इज़राइली प्रधानमंत्री का समर्थन किया है। हमास के अधिकारियों ने इज़राइली सेना पर बंधकों की हत्या करने और फिर युद्ध विराम के लिए की जाने वाली बातचीत को रोकने को जायज़ ठहराने के लिए उनके शवों को प्रदर्शित करने का आरोप लगाया है।
इस बीच, इजराइल के विभिन्न शहरों में, 5 लाख से अधिक लोगों के सड़कों पर उतरने की खबर है, जो गाजा के लोगों पर लगातार हमलों के लिए नेतन्याहू सरकार का विरोध कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि सरकार युद्ध विराम के लिए बातचीत करे।
पिछले साल अक्टूबर से आज तक गाज़ा में 41,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं और 94,000 से अधिक घायल हुए हैं। गाज़ा में 85 प्रतिषत घर पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। इज़रायली युद्ध मशीन ने गाज़ा के निवासियों को कुल क्षेत्र का 89 प्रतिषत हिस्सा खाली करने का आदेश दिया है, जिसके कारण 23 लाख लोग 141 वर्ग मील के कुल क्षेत्र के सिर्फ 11 प्रतिषत हिस्से में ही सिमट कर रहने के किये मजबूर किये गए हैं। खाद्य और चिकित्सा सहायता आपूर्ति में कटौती की गई है। सहायता कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया है और उनका कत्ल किया गया है। बच्चे गंभीर कुपोषण से त्रस्त होकर मर रहे हैं। स्कूल, पानी और बिजली की आपूर्ति, स्वच्छता, अस्पताल आदि सहित, लोगो के ज़िन्दा रहने के लिए जरूरी नागरिक बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है। बेहद कम स्वच्छता स्तर और पानी के दूषित होने के कारण, पोलियो और अन्य बीमारियां तेज़ी से फैल रही हैं।
अमरीकी साम्राज्यवादी और उनके पश्चिमी साम्राज्यवादी सहयोगी, इज़रायल को उसके नरसंहारी युद्ध को जारी रखने और उसको और बढ़ाने में सहायता करने के लिए अधिक से अधिक हथियार भेज रहे हैं। 13 अगस्त को उन्होंने इज़रायल को 20 अरब डॉलर की बड़े पैमाने की हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी, जिसमें 50 से अधिक एफ-15 लड़ाकू जेट, एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल, 120 मिमी टैंक गोला-बारूद, उच्च विस्फोटक मोर्टार और सामरिक वाहन शामिल हैं। पिछले साल अक्टूबर से अमरीका ने इज़रायल को 50,000 टन से अधिक सैन्य उपकरण सप्लाई किए हैं। 500 से अधिक सैन्य उपकरण हवाई शिपमेंट और 100 से अधिक समुद्री रास्ते के जरिये किए गये हैं।
इज़रायल, अमरीका और उनके कुछ सहयोगी भी ईरान के ख़िलाफ़ युद्ध भड़काने वाले बयान दे रहे हैं। वे ईरान की धरती पर इज़रायली मिसाइल हमले के द्वारा की गयी हमास के राजनीतिक नेता, इस्माइल हनिया की हत्या के लिए, ईरान द्वारा की जाने वाली जवाबी कार्रवाई की आशंका में ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं। युद्ध के दायरे को व्यापक बनाने के अपने अभियान के तहत इज़रायल लेबनान पर भी बमबारी कर रहा है।
इज़रायल राज्य और उसके अमरीकी और अन्य साम्राज्यवादी समर्थक, युद्ध-अपराधियों के रूप में पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं। दुनिया भर में इंसाफ और शांति के लिए खड़े लाखों लोगों द्वारा उनकी निंदा की जा रही है। यह बात लगातार स्पष्ट होती जा रही है कि इज़रायली राज्य का लक्ष्य, लड़ाकू फिलिस्तीनी लोगों को पूरी तरह से अपने अधीन करना और फिलिस्तीनी लोगों की मातृभूमि पर अपना पूर्ण प्रभुत्व स्थापित करना है। यह नरसंहार “इज़रायल के आत्मरक्षा के अधिकार” के नाम पर किया जा रहा है। परन्तु हक़ीक़त में इसका मकसद अमरीकी साम्राज्यवाद के एजेंडे की हिफाज़त करना है, जो पश्चिम एशिया के रणनीतिक और तेल-समृद्ध क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है और जिसमें इज़रायली राज्य, उसके एक मुख्य हथियार के रूप में काम कर रहा है।
इज़रायली राज्य और उसके अमरीकी साम्राज्यवादी समर्थकों के, फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ अपराधों को कभी भी न तो माफ किया जा सकता और न ही भुलाया जा सकता। हिन्दोस्तानी लोग और दुनियाभर के लोग, इस नरसंहार को तुरंत रोकने और फ़िलिस्तीनी लोगों की भूमि और राष्ट्रीय अधिकारों की तुरंत बहाली की मांग करते हैं।