हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 22 अगस्त, 2024
गहरे दुःख और गुस्से के साथ, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक युवा डॉक्टर के क्रूर बलात्कार और हत्या की निंदा करती है।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर देश भर में महिलाओं की भयानक असुरक्षा और कार्यस्थल पर असुरक्षा की स्थिति को उजागर कर दिया है। इसने पूरे देश में सरकारी व निजी अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सों के काम की हालतों, उनके लंबे काम के घंटों, उनके आराम करने की जगह जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव और उनकी जान व सुरक्षा के लिए खतरों पर भी रोशनी डाली है।
अपराध पर पर्दा डालने और असली दोषियों को बचाने की कोशिश में आरजी कर अस्पताल के अधिकारियों, पश्चिम बंगाल राज्य सरकार और पुलिस की आपराधिक भूमिका तेज़ी से सामने आ रही है। पीड़िता की क्षत-विक्षत लाश के मिलने के कई घंटों तक अस्पताल के अधिकारियों ने उसके परिवार को इस त्रासदी के बारे में सूचित भी नहीं किया। जब आखिरकार उन्हें सूचित किया गया तो उन्हें बताया गया कि बेटी ने आत्महत्या की है! जबकि शव-परीक्षण में पुष्टि हुई थी कि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, उसके शरीर पर कई चोटें थीं और सामूहिक बलात्कार के संकेत थे। उसके माता-पिता को उसकी मौत की सूचना मिलने के बाद तीन घंटे तक, बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, अपनी बेटी की लाश को देखने की इजाज़त नहीं दी गई। पुलिस द्वारा लाश के पोस्टमार्टम के तुरंत बाद, जल्दबाज़ी में अंतिम संस्कार करने का प्रयास किया गया।
कई तथ्य सामने आए हैं, जिनसे पता चलता है कि यह सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल व्यापक भ्रष्टाचार और तमाम तरह की आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बना हुआ है। यह राज्य सरकार और उसकी पुलिस की आंखों के सामने ही चलता रहा है। जिन-जिन लोगों ने इसका पर्दाफाश करने की कोशिश की, उन्होंने अपनी जान को जोखिम में डालकर ऐसा किया।
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी उन तमाम डॉक्टरों, महिला कार्यकर्ताओं, जनाधिकारों की हिफ़ाज़त में आवाज़ उठाने वालों और सभी क्षेत्रों के लोगों की हिम्मत को सलाम करती है, जो इस भयानक अपराध की निंदा करने के लिए हज़ारों की संख्या में सड़कों पर उतरे हैं। देश भर में हर रोज़, विरोध प्रदर्शन, कैंडल मार्च और धरने आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें अपराध की गहन जांच करने तथा दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा देने की मांग की जा रही है। “हमारी बहनें और बेटियां कब सुरक्षित होंगी?”, “दोषियों को सज़ा कौन देगा?” – लोग चीख-चीख कर हुक्मरानों से पूछ रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ़ बढ़ते अपराधों और क्रूर भेदभाव के चलते, सरकार के ‘बेटी बचाओ‘ और ‘नारी शक्ति‘ के दावे खोखले लगते हैं।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और जनता के गुस्से से साफ पता चलता है कि लोगों को सरकार या किसी भी संसदीय राजनीतिक पार्टी पर कोई भरोसा नहीं है। जीवन के अनुभव से यह स्पष्ट होता है कि पूंजीपति वर्ग की राजनीतिक पार्टियां और राज्य की सभी संस्थाएं, जिनमें कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका शामिल हैं, वास्तव में महिलाओं के उत्पीड़न और महिलाओं के साथ भेदभाव की हिफ़ाज़त करती हैं, इन्हें बरकरार रखती हैं और महिलाओं के खि़लाफ़ बेहद बर्बर अपराधों को खुली छूट देती हैं।
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी सभी लोगों से आह्वान करती है कि इंसाफ़ के लिए, दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए, कार्यस्थल पर सुरक्षा के लिए और महिलाओं पर बढ़ते अपराधों के खि़लाफ़, संघर्ष को तेज़ करें। आइए, हम अपनी एकता को मज़बूत करें और आत्मरक्षा की अपनी क्षमता को बढ़ाते हुए संगठित हों। आइए, हम एक ऐसे नए समाज की नींव रखने के लक्ष्य के साथ अपना संघर्ष जारी रखें, जिसमें सभी मेहनतकश महिलाओं और पुरुषों के अधिकारों और इज्ज़त की हिफ़ाज़त की जाएगी तथा जो कोई भी इसका उल्लंघन करेगा, उसे – चाहे उसका आधिकारिक पद कोई भी हो – कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी।