23 मई, 2024 को दोपहर करीब 1ः30 बजे महाराष्ट्र के डोंबिवली एमआईडीसी के फेज 2 में स्थित अमुदन केमिकल्स फैक्ट्री में एक भयावह विस्फोट हुआ। यह घटना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना, अत्यधिक प्रतिक्रियाशील पेरोक्साइड का उपयोग करने वाले एक अपंजीकृत बॉयलर से शुरू हुई। इसके चलते भीषण आग लग गई। एक के बाद एक कई विस्फोट हुए। इन विस्फोटों में कम से कम 10 मज़दूरों की जानें चली गईं। 60 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें से 12 की हालत गंभीर है और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। हाल के वर्षों में, इस क्षेत्र में हुई सबसे विनाशकारी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से यह एक है।
विस्फोट से आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। गवाहों ने बताया कि उन्होंने कई जोरदार धमाके सुने और जिसके बाद फैक्ट्री से काले धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया। विस्फोट इतना ज़ोरदार था कि इसने आस-पास की फैक्ट्रियों और घरों को नुकसान पहुंचाया और विस्फोट का मलवा एक बड़े क्षेत्र में बिखर गया। आग पर काबू पाने में कई घंटे लग गए।
इस भयानक विस्फोट के कारण मृतकों की पहचान करना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। शवों के अंग घटनास्थल पर बिखरे पड़े थे, जिससे पीड़ितों की पहचान की पुष्टि के लिए डीएनए परीक्षण पर निर्भर होना पड़ा है।
औद्योगिक क्षेत्र के आस-पास रहने वाले निवासियों ने कारखानों में सुरक्षा उपायों की कमी और नियमों के पालन में कमी पर बार-बार अपना डर और गुस्सा जाहिर किया है। भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए, अनेक लोगों ने सख़्त सुरक्षा मानकों को लागू करने और औद्योगिक इकाइयों की अधिक कड़े निरीक्षण की मांग की है। डोंबिवली औद्योगिक क्षेत्र में यह पहली बड़ी दुर्घटना नहीं है। इससे पहले भी ऐसी दुखद घटनाएं हो चुकी हैं।
- डोंबिवली केमिकल फैक्ट्री में आग-2016
26 मई, 2016 को डोंबिवली के एमआईडीसी इलाके में हर्बर्ट ब्राउन फार्मास्युटिकल एंड रिसर्च लेबोरेटरीज में भीषण आग लग गई थी, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी और 150 से अधिक लोग घायल हो गए थे। बॉयलर की ख़राबी के कारण हुए विस्फोटों की एक श्रृंखला के कारण आग लग गई थी। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इससे आस-पास की इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और निवासियों में दहशत फैल गई।
- डोंबिवली दुर्घटना-2018
26 मई, 2018 को एक रासायनिक कारखाने में भीषण आग लग गई, वह आग रासायनिक भंडारण की इकाइयों में से एक में विस्फोट होने के कारण लगी थी। उस घटना के कारण हवा में फैले जहरीले धुएं के कारण स्थानीय निवासियों में व्यापक रूप से दहशत फैल गई।
- डोंबिवली दुर्घटना-2019
जुलाई 2019 में, एक और गंभीर घटना हुई थी। एक रासायनिक कारखाने में बॉयलर में विस्फोट के परिणामस्वरूप भीषण आग लग गई। उस दुर्घटना में सात मज़दूरों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई, जिससे आस-पास के रिहायशी इलाकों की खिड़कियां तक टूट गईं।
- डोंबिवली गैस रिसाव-2022
फरवरी 2022 में, डोंबिवली के एमआईडीसी क्षेत्र के निवासियों ने एक जहरीली गंध के साथ जागने और आँखों से पानी आने और सांस लेने में समस्या जैसे लक्षणों का अनुभव करने की सूचना दी। यह आस-पास के एक रासायनिक संयंत्र से गैस रिसाव के कारण हुआ था।
ऐसी हर घटना के बाद, जांच से पता चला है कि पूंजीपति मालिकों द्वारा सुरक्षा उपायों में भारी चूक की गई है। सरकारी अधिकारियों द्वारा सुरक्षा नियमों को लागू नहीं किया गया है। अधिकारी सख़्त कार्रवाई करने का वादा कर रहे हैं, लेकिन कारखानों को पहले की तरह चलने दे रहे हैं। मज़दूरों के जीवन की न तो पूंजीपतियों को और न ही राज्य के अधिकारियों को कोई चिंता है। यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार के साथ-साथ स्थानीय अधिकारी भी पूंजीपतियों को सभी सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करने की अनुमति दे रहे हैं। इससे अधिक से अधिक मानव निर्मित त्रासदियां बढ़ रही हैं। हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी डोंबिवली विस्फोट की त्रासदी के पीड़ितों के परिवारों के साथ मिलकर, इस त्रासदी के लिए ज़िम्मेदार, सत्ता में बैठे लोगों के लिए सख़्त सज़ा की मांग करती है।