26 मई, 2024 की सुबह पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में न्यू बोर्न बेबी केयर हॉस्पिटल नामक बच्चों के अस्पताल में भीषण आग लग गई। ख़बरों के मुताबिक इस त्रासदी में कम से कम सात नवजात शिशुओं की मौत हो गई। हिन्दोस्तान कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक शोक संवेदना व्यक्त करती है।
दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ऑक्सीजन सिलेंडर के फटने के कारण आग लगी, जिसने अस्पताल परिसर को तेज़ी से अपनी चपेट में ले लिया। आस-पास के लोगों को अपने घरों से भागना पड़ा, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं उनके घर भी आग की चपेट में न आ जाएं।
आस-पास रहने वाले लोगों का आरोप है कि इस अस्पताल का असली व्यवसाय ऑक्सीजन का कारोबार है। यह काम अस्पताल परिसर के भूतल पर चल रहा था, जबकि बच्चे पहली मंजिल पर थे। क़रीब तीन साल पहले जबसे अस्पताल ने काम करना शुरू किया है, तब से हर रात अस्पताल के बाहर ट्रकों की लाईन लगी रहती है। ऑक्सीजन के बड़े-बड़े सिलेंडर उतारे जाते हैं। बड़े सिलेंडरों से ऑक्सीजन लेकर खाली छोटे सिलेंडरों में भरकर ले जाया जाता है। लोगों ने सवाल उठाया था कि इतने छोटे अस्पताल को इतनी ऑक्सीजन की क्या ज़रूरत थी। इस व्यवसाय के बारे में उन्होंने कई बार अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। नवजात शिशुओं की जान लेने वाली इस भयानक त्रासदी के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह ज़िम्मेदार है। अस्पताल में आग लगना राजधानी में हुई ऐसी घटनाओं में से ताजा घटना है, जिसमें लोगों की जान गई है। सरकार उन सुरक्षा उपायों को लागू करने से इंकार कर देती है जो अस्पतालों, कारखानों, कोचिंग संस्थानों, सिनेमाघरों आदि के कामकाज के लिए ज़रूरी है। वह ऐसा इसलिए करती है, ताकि इन उद्यमों के पूंजीपति मालिकों को अधिकतम मुनाफ़ा कमाने का मौका मिल सके। जिसका परिणाम है अस्पताल, जिन्हें लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाली संस्था माना जाता है, मौत के जाल में तब्दील हो जाते हैं। कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी पीड़ितों के परिवारों के साथ मिलकर इस त्रासदी के लिए ज़िम्मेदार लोगों को सख़्त सज़ा देने की मांग करती है।