वर्कर्स यूनिटी मूवमेंट के संवाददाता की रिपोर्ट
मई दिवस 2024 पूरे तमिलनाडु में उत्साहपूर्वक मनाया गया। ट्रेड यूनियनों ने फैक्ट्री गेट पर लाल झंडा फहराया। मज़दूर यूनियनों ने भी अधिकांश शहरों और कस्बों में सार्वजनिक सभायें कीं और जुलूस आयोजित किये। इन सभाओं और जुलूसों में, मज़दूरों ने अपने वीरतापूर्वक बलिदानों को याद किया, जिनकी बदौलत उन्होंने कुछ अधिकार हासिल किये हैं।
मौजूदा परिस्थिति में, कड़ी मेहनत से हासिल किए गए इन अधिकारों में से कई पर हमला हो रहा है। सभी क्षेत्रों के मज़दूर इन हमलों का विरोध कर रहे हैं। मई दिवस के कार्यक्रमों में मज़दूरों ने मांग की कि मज़दूर-विरोधी श्रम संहिताएं वापस ली जाएं, सभी मज़दूरों को रोज़गार की सुरक्षा दी जाए, ठेका मज़दूरी समाप्त की जाए, सभी मज़दूरों को पेंशन, चिकित्सा, बोनस एवं अन्य लाभ प्रदान किए जाएं। उन्होंने मज़दूरों के ट्रेड यूनियन बनाने के अधिकार और अपनी उचित मांगों के लिए आंदोलन करने के अधिकार पर पूंजीपतियों और उनकी सरकार के बढ़ते हमलों की भी निंदा की।
चेन्नई में, वीएचएस अस्पताल के मज़दूरों ने अपने अस्पताल के गेट पर लाल झंडा फहराया और यूनियन नेताओं ने मज़दूरों को संबोधित किया। उन्होंने मज़दूरों से अपनी एकता को मजबूत करने और अपने अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया। मज़दूरों ने अपने हक़ की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। प्रत्येक माह मज़दूरों की बैठक आयोजित कर उनके आंदोलन एवं जन आंदोलन की योजना बनाने का निर्णय लिया गया।
बी.एस.एन.एल. के मज़दूरों ने अन्ना सलाई पर स्थित मुख्य कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के निजीकरण के प्रयासों की निंदा की और इन हमलों के खि़लाफ़ लड़ने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। दूरदर्शन के मज़दूरों ने अपने कार्यालय के गेट पर मई दिवस की सभा की और अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए अपनी एकता की पुनः पुष्टि की।
वस्त्र उद्योगों के मज़दूरों ने अपनी यूनियन, जी.ए.एफ.डब्ल्यू.यू. के बैनर तले, चेंगलपट्टु में अपनी मई दिवस बैठक आयोजित की। इस जुझारू बैठक में लगभग 20 वस्त्र उद्योगों से जुड़ी महिला मज़दूरों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। उन्होंने मांग की कि सरकार वस्त्र मज़दूरों के लिए नए न्यूनतम वेतन को तुरंत लागू करे, जो पिछले 5 वर्षों से बकाया है। मज़दूरों ने निर्णय लिया कि वे अपने आंदोलन को तेज करेंगे अगर सरकार उनके वेतन में तत्काल संशोधन करने में विफल रहती है।
चेन्नई महानगर के जल मज़दूरों ने मई दिवस की बैठक और अपनी जनरल बाॅडी की सभा आयोजित की, जिसमें लगभग 200 मज़दूरों ने भाग लिया। उन्होंने लंबे समय से अपनी अपूर्ण मांगों को पूरा करने की मांग की।
होसूर में, सोशलिस्ट वर्कर्स मूवमेंट ने कंसाई नेरोलोक वर्कर्स यूनियन के साथ मिलकर संयुक्त मई दिवस कार्यक्रम आयोजित करने की पहल की। अशोक लेलैंड कर्मचारी यूनियन (यूनिट-2) के नेतृत्व में, 11 मज़दूर यूनियनों ने जुझारू मई दिवस की रैली में भाग लिया – जिसमें एशिया टोबैको यूनाइटेड कर्मचारी यूनियन, जीई कर्मचारी यूनियन, होसुर बाटा कर्मचारी यूनियन, माइलॉन लेबोरेटरीज वर्कर्स यूनियन, मायवा फार्मा वर्कर्स यूनियन, माइक्रोलैब्स वर्कर्स वेलफेयर संगम, पेरोकोट प्रोडक्ट्स यूनाइटेड एम्प्लॉइज यूनियन, टेरेक्स एम्प्लॉइज यूनियन और वेक इंडस्ट्रीज वर्कर्स यूनियन शामिल थे। इसमें बड़ी संख्या में महिला और पुरुष मज़दूरों ने भाग लिया। मज़दूरों ने मज़दूर-विरोधी श्रम संहिताओं और सभी जन-विरोधी क़ानूनों को वापस लेने की मांग की। उन्होंने मांग की कि सभी ठेका और प्रशिक्षु मज़दूरों को स्थायी किया जाना चाहिए और वर्तमान परिस्थिति में सभी मज़दूरों को एक सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने वाले वेतन की गारंटी दी जानी चाहिए।
संेट्रल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सी.ओ.आई.टी.यू.) ने मदुरई में एक बड़ी मई दिवस रैली आयोजित की। इस बैठक में 108 एम्बुलेंस सेवा के मज़दूरों, सरकारी अस्पताल की नर्सों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के साथ-साथ एलपीजी सी.डी.एम.टी.यू. के मज़दूरों ने हिस्सा लिया। उन्होंने ज्यादा वेतन, नौकरी की सुरक्षा और अन्य अधिकारों की मांग की।
ए.आई.टी.यू.सी., सीटू, एल.टी.यू.सी., एल.पी.एफ., ए.आई.सी.सी.टी.यू. और कई अन्य ट्रेड यूनियनों ने चेन्नई शहर के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ पूरे तमिलनाडु में मई दिवस रैलियों का आयोजन किया।
मई दिवस पर जुझारू कार्यक्रम कोयंबटूर, मदुरई, सेलम, थिरुनेलवेली, तुतकोड़ी, थिरुपुर, इरोड, धर्मपुरी, नागरकोइल और कई अन्य शहरों और कस्बों में आयोजित किए गए। तमिलनाडु ट्रेड यूनियन सेंटर के तहत मज़दूर यूनियनों, जैसे 108 एम्बुलेंस मज़दूर यूनियन और अंबूर और वानियमबाड़ी क्षेत्रों के चमड़ा उद्योग के मज़दूरों ने घोषणा की है कि मई महीने के दौरान विभिन्न दिनों में वे अपनी-अपनी मई दिवस की सभायें आयोजित करेंगे।
वर्कर्स यूनिटी मूवमेंट ने चेन्नई के औद्योगिक क्षेत्रों और तमिलनाडु के अन्य शहरों में मई दिवस के पहले एक सप्ताह तक का अभियान चलाया।