12 जनवरी, 2024 को मध्य प्रदेश के मुलताई गांव में किसान संघर्ष समिति द्वारा 26वां शहीद किसान स्मृति सम्मेलन आयोजित किया गया। इलाके के किसानों और मज़दूरों ने सम्मलेन में हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में किसानों की समस्याओं और मांगों पर चर्चा की गई।
विदित रहे कि 1998 में प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फ़सलों को भारी नुक़सान हुआ था। किसानों ने मुआवजे़ की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया था। जब आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा, तब सरकार ने किसानों पर गोलियां चलाईं। इस गोलीबारी में 24 किसानों की मौत हो गई थी। 150 घायल हुये थे। 250 लोगों पर मुकदमे चलाये गये थे। शहीद किसानों की याद में हर साल मुलताई गांव में यह जनसभा आयोजित की जाती है।
किसान संघर्ष समिति के नेता डॉ. सुनीलम ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि आज़ादी के 76 वर्ष बाद भी किसानों के साथ भेदभाव, लूट और दमन जारी है। किसानों को अपनी राजनीतिक ताक़त स्थापित करके, संघर्ष के ज़रिये अपनी समस्याओं को हल कराना होगा।
अन्य वक्ताओं ने बताया कि मुलताई के गांव-गांव में आंदोलन चलाया जाएगा तथा बड़ी संख्या में आंदोलन के कार्यकर्ता 3 मार्च को अमृतसर में होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होंगे। हर महीने की 12 तारीख़ को किसी न किसी गांव में किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा, हालांकि ऑनलाइन किसान महापंचायत भी जारी रहेगी।
सम्मेलन में सभी फ़सलों की एमएसपी पर ख़रीद की क़ानूनी गारंटी लागू करने, सभी किसानों का सम्पूर्ण क़र्ज़ा माफ़ी, प्रत्येक किसान परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी उपलब्ध कराने, कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने, इत्यादि की मांग की गई।
मुलताई विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई के पानी की व्यवस्था को लेकर वर्धा जलाशय परियोजना, चंदोरा एवं वर्धा बांध परियोजना से विभिन्न ग्रामों में सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने तथा परमंडल, भिलाई, मोही चांदोरा और वलनी को पाइप लाइन से सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने की मांग की गई।
सभा के अंत में, शहीद किसानों की स्मृति में 30 प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। 15 किसान नेताओं को सम्मानित किया गया।