हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की स्थापना की 43वीं वर्षगांठ दिसंबर के अंतिम सप्ताह में देश के अनेक स्थानों और विदेशों में मनाई गयी। पार्टी के प्रवक्ता कामरेड प्रकाश राव ने केन्द्रीय समिति की ओर से एक महत्वपूर्ण भाषणा दिया, जिसका शीर्षक था ”आइए, हम एक ऐसे आधुनिक लोकतंत्र के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाएं, जिसमें मज़दूर और किसान एजेंडा तय करेंगे!“
मुख्य भाषण के बाद जोशीली चर्चा में अनेक साथियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने इस बात की पुनः पुष्टि की कि अगर 2024 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की जगह पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आ जाती है तब भी लोगों की कोई समस्या का हल नहीं होगी। अगर समस्याओं का हल करना है तो हमें सत्ता में वर्ग परिवर्तन करना होगा। सरमायदारों के राज की जगह पर किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के साथ गठबंधन बनाकर मज़दूर वर्ग की सत्ता स्थापित करनी होगी।
अपने अनुभव से बोलते हुए, चर्चा में भाग लेने वालों ने इस मूल्यांकन से सहमति जताई कि मौजूदा प्रतिनिधित्ववादी लोकतंत्र की व्यवस्था एक सरमायदारी लोकतंत्र की व्यवस्था है, यानि कि सरमायदारों के लिये लोकतंत्र। यह मज़दूरों और किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों पर एक क्रूर तानाशाही है। यह व्यवस्था आधुनिक काल में लोगों की इच्छाओं और आकांक्षाओं से मेल नहीं खाती है कि फ़ैसले लेने में और समाज को कैसे चलाना है उसके बारे में लोगों की अहम भूमिका होनी चाहिये।
अनेक वक्ताओं ने दोहराया कि समाज को चलाने के फ़ैसले लेने की ताक़त लोगों के पास होने की इच्छा और आकांक्षा को पूरा करने में शासक पूंजीपति वर्ग असमर्थ हैं। इनको पूरा करने का बीड़ा श्रमजीवी वर्ग ही उठा सकता है। हम कम्युनिस्टों को मज़दूरों को लामबंध करना होगा ताकि वे राजनीतिक व्यवस्था और चुनावी प्रक्रिया में ऐसे बदलाव के लिये मांग करें और लड़ें जो लोगों के हाथों में फ़ैसले लेने की शक्ति लाने में सहायक हों। हमें किसानों और अन्य मेहनतकश लोगों से ऐसे कार्यक्रम के लिये समर्थन जुटाना होगा। जब फ़ैसले लेने की शक्ति हमारे हाथों में होगी, तब अर्थव्यवस्था की दिशा बदल सकेंगे – पूंजीपतियों की लालच को पूरा करने की दिशा से बदल कर लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में।
समारोह के अंत में जोशपूर्ण वातावरण में इंटरनेशल गीत गया गया, जो सभी देशों के मज़दूरों का गीत है।