हरियाणा सरकार द्वारा लोगों की संपत्तियों को ढहाये जाने की निन्दा की जानी चाहिए

हरियाणा में मेवात क्षेत्र के लोग जब भयानक सांप्रदायिक हिंसा से उबरने की कोशिश कर रहे थे, तभी राज्य सरकार ने नूंह में लोगों के घरों और संपत्तियों को ढहाने के लिए बुलडोज़र भेज दिए। आगे की और तोड़फोड़ पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाये जाने से पहले ही एक हजार से अधिक घरों और संपत्तियों को नष्ट कर दिया गया था। सैकड़ों परिवारों ने अपने घर और आजीविका के स्रोत खो दिये हैं। इससे पहले, गुरुग्राम में काम करने वाले हिन्दोस्तान के अन्य राज्यों के हज़ारों कामकाजी लोगों को सांप्रदायिक हमलों में निषाना बनाने के कारण हरियाणा से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

हरियाणा सरकार यह कह रही है कि वह 31 जुलाई से 2 अगस्त के बीच मेवात क्षेत्र में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा दे रही है। सच्चाई यह है कि हरियाणा सरकार ही इस हिंसा के लिए ज़िम्मेदार है। इसने जानबूझकर नूंह की सड़कों पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की एक भड़काऊ रैली करने की अनुमति दी। इसके बाद इसने अगले दिनों में घरों और संपत्तियों के साथ-साथ मुसलमानों के पूजा स्थलों पर हमला करने के लिए भीड़ों का आयोजन किया। हरियाणा सरकार ने दिखा दिया है कि वह लोगों के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा करने के अपने कर्तव्य को निभाने में असमर्थ और अनिच्छुक है। यदि कमान की ज़िम्मेदारी के सिद्धांत के पालन की बात की जाए तो हरियाणा सरकार ही कटघरे में खड़ी है। इसके बजाय सरकार अपनी भूमिका से ध्यान भटकाकर जनता पर दोष डाल रही है। इसने लोगों पर और भी हमले शुरू कर दिये हैं।

यह बताया गया है कि नूंह में विध्वंस में विभिन्न रियल एस्टेट के हित शामिल थे। यह असंभव नहीं है कि हरियाणा सरकार ने ऐसे रियल एस्टेट डेवलपर्स, जो लोगों की जमीन पर कब़्जा करना चाहते है उनके हितों को पूरा करने के लिए नूंह में सांप्रदायिक हिंसा और उसके बाद विध्वंस का आयोजन किया है। पूरा सच जो भी हो, हरियाणा सरकार की हरकतें निंदनीय हैं।

नूंह में जो कुछ हो रहा है वह पहले से बनाई एक योजना के मुताबिक है। ऐसी ही योजनाएं देश के कई अन्य हिस्सों में लागू की जा रही हैं। राज्य अपने एजेंटों को सक्रिय करता है जो धार्मिक रैलियों में घुसपैठ करने के लिए धार्मिक लोगों का भेष धारण करते हैं और लोगों के ख़िलाफ़ उकसावे की कार्रवाई करते हैं। और फिर वह होने वाली हिंसा के लिए पीड़ितों को दोषी ठहराता है। विध्वंस करने वाले दल पीछे रहते हैं। जिसका उद्देश्य लोगों को आतंकित करना, लोगों की एकता और अधिकारों के लिए हो रहे उनके साझे संघर्ष को तोड़ना है।

हरियाणा सरकार द्वारा नूंह में लोगों के घरों और संपत्तियों को निशाना बनाकर ध्वस्त करने की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। सरकार की हरकतों की कोई सफाई नहीं दी जा सकती है। पूरे देश में न्यायप्रिय लोगों द्वारा इसकी निंदा जायज़ है।

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