मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
10 अगस्त, 2023 को पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किए जाने की मांग को लेकर, विभिन्न सरकारी क्षेत्रों के एक लाख से ज्यादा मज़दूरों ने नई दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘पेंशन अधिकार महारैली’ में अपनी आवाज़ बुलंद की।
इस महारैली को ज्वाइंट फोरम फॉर रिस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम (जे.एफ.आर.ओ.पी.एस.) – नेशनल ज्वाइंट कांउसिल आफ एक्शन (एन.जे.सी.ए.) की अगुवाई में आयोजित किया गया था। इसमें सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के लगभग 30 संगठन शामिल हैं।
इस महारैली में विभिन्न क्षेत्रों, जैसे रेल, डाक, प्रतिरक्षा, शिक्षा, बैंक, बीमा आदि के मज़दूर शामिल हुए। उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां पकड़ी हुई थी, जिन पर लिखा था – ‘न ज्यादा, न कम, हमें चाहिए पुरानी पेंशन!’, ‘मैं भी पुरानी पेंशन की हक़दार हूं!’, हमारा भविष्य पुरानी पेंशन!’, बुढ़ापा का सहारा पुराना पेंशन!’, ‘मज़दूर एकता ज़िंदाबाद!’, ‘एक ही मिशन, पुरानी पेंशन!’, ‘एन.पी.एस. गो बैक!’ आदि।
रैली को संबोधित करते हुए विभिन्न संगठनों के नेताओं ने एक सुर में नई पेंशन को ख़त्म करने तथा पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग रखी। मंच से स्पष्ट रूप से ऐलान किया गया कि पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी।
रैली में शामिल रेल मज़दूरों ने बताया कि 2004 से पूर्व भर्ती हुये कर्मचारी को पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेन्ट के समय एक निश्चित पेंशन (अन्तिम वेतन का 50 प्रतिशत) की गारंटी थी जबकि नई पेंशन योजना में पेंशन कितनी मिलेगी यह निश्चित नहीं है। यह पूरी तरह शेयर मार्केट व बीमा कंपनी पर निर्भर है।
एन.जे.सी.ए. के राष्ट्रीय संयोजक और ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (ए.आई.आर.एफ.) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि एक जनवरी 2004 के बाद जो लोग सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं, वे कर्मचारी नई पेंशन योजना (एन.पी.एस.) का कड़ा विरोध कर रहे हैं। सरकार से हमारी एक ही मांग है कि वह हमारी पुरानी पेंशन लागू करे नहीं तो ये जो सैलाब आज दिल्ली आया है, यह पूरा देश को भी जाम करेगा और हम भारत बंद करेंगे।
2004 से पहले पुरानी पेंशन योजना लागू थी। उसके तहत, सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलती थी। वह पेंशन कर्मचारी के सेवानिवृत्ती के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी। उस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन दी जाती थी। परन्तु उस स्कीम को सरकार ने 1 अप्रैल 2004 में बंद करके नयी पेंशन स्कीम – राष्ट्रीय पेंशन योजना (एन.पी.एस.) लागू कर दी है।
मंच ने राष्ट्रीय पेंशन योजना (एन.पी.एस.) को समाप्त करने और गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए भविष्य के आंदोलन की रूपरेखा का प्रस्ताव पेश किया। रैली ने प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया।
यह बताया गया कि 21 अगस्त, 21 सितंबर और 21 अक्तूबर को संयुक्त रूप से मीटिंग, रैलियां, जुलूस, धरने, सेमीनार आदि आयोजित किए जाएंगे। 21 और 22 नवम्बर 2023 को बिना गारंटी वाले एन.पी.एस. को रद्द करने व गारंटी वाली पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की एकल सूत्रीय मांग के समर्थन में ‘अनिश्चितकालीन हडताल’ के लिए सभी घटक संगठनों से गुप्त मतपत्र लिया जाएगा।
रैली के बाद संयुक्त रूप से देश के प्रधानमंत्री के नाम, सरकार को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एन.पी.एस.) को रद्द करने और सभी केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के कर्मचारियों, शिक्षकों आदि, चाहे उनकी नियुक्ति की तारीख कोई भी हो, उन सबके लिए पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने की मांग की गयी।