मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
झारखंड राज्य के ग्रामीण स्तर कार्यकर्ता (जनसेवक) अपनी मांगों को लेकर, झारखंड राज्य जनसेवक संघ की अगुवाई में, 12 जुलाई, 2023 से रांची के नेपाल हाउस स्थित कृषि सचिवालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं।
आपको बताते चलें कि झारखंड में 2011-12 में 1836 जनसेवकों की नियुक्ति हुई थी। इन सेवकों पर विभिन्न जिलों के अलग-अलग प्रखंडों में नए कृषि अनुसंधान एवं कृषि तकनीक को जमीनी स्तर पर किसानों तक पहुंचाने का दायित्व सौंपा गया था। इसके लिए इन्हें वेतनमान 5200-20,200 ग्रेड-पे 2400/- रुपए दी जाती थी। इसके अलावा, 2012 से पहले नियुक्त और लगभग 600 जनसेवक भी हैं।
हाल में, 2012 में नियुक्त जनसेवकों का ग्रेड पे 2400 से घटा कर 2000 कर दिया गया है। वेतन में कमी का आदेश 28 अप्रैल, 2023 को निकाला गया है। नौकरी के 11 साल बाद वेतनमान में कमी से जनसेवकों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। अभी भी 1400 ग्रामीण प्रसार कार्यकर्ता (जनसेवक) कार्यरत हैं।
जनसेवक संघ के प्रांतीय महामंत्री श्री लोकेश कुमार ने मजदूर एकता कमेटी को बताया कि जनसेवकों का मूल कार्य कृषि संबंधित योजनाओं को धरातल पर उतारना है। परंतु प्रखंड विकास पदाधिकारी हमें अन्य सभी विभागों के कार्य जैसे आवास योजना, मनरेगा, सांख्यिकी, निर्वाचन, सहायक, नजारत, सहायक गोदाम प्रबंधक सहित विभिन्न पर्यवेक्षीय पदों के कार्य करने को कहते हैं। यह जनसेवक श्रेणी को तकनीकी संवर्ग से गैर तकनीकी बनाने की साजिश है।
उन्होंने अपने संघर्ष पर रोशनी डालते हुए बताया कि उन्होंने अपनी 11 सूत्री मांग को लेकर धरना और भविष्य में अनिश्चित हड़ताल में जाने की सूचना प्रशासन को दी। काला बिल्ला लगाकर काम किया। जिला स्तर पर धरना दिया।कृषि मंत्री, कृषि निदेशक, राज्यपाल इत्यादि के समक्ष क्रमवार धरना देकर उन्हें अपनी मांगों के बारे में अवगत कराया। हड़ताल की घोषणा, हड़ताल के दौरान जिला में धरना, एक माह बाद राज्यस्तरीय धरना और अब रात – दिन राज्यस्तरीय धरना-प्रदर्शन हो रहा है।
ग्रेड पे घटाए जाने के विरोध में तथा अपने 11 सूत्री मांगों के समर्थन में चल रहे संघर्ष को झारखंड के श्रमिक संगठनों व यूनियनों ने अपना समर्थन दिया है।
झारखंड राज्य जनसेवक संघ का कहना है कि धरना तब तक जारी रहेगा जब तक वेतन कम किए जाने के आदेश को रद्द नहीं किया जायेगा और लंबित सभी मांगों पर वार्ता करके उनका समाधान नहीं निकाला जायेगा।