इंडियन वर्कर्स एसोसिएशन (ग्रेट-ब्रिटेन) के संवाददाता की रिपोर्ट
मई दिवस, अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर वर्ग दिवस को ब्रिटेन के लंदन में मज़दूर संगठनों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। मार्क्स मेमोरियल लाइब्रेरी के पास क्लेरकेनवेल ग्रीन से ट्राफलगर स्क्वायर तक दस हजार से अधिक लोगों ने एक जुलूस में निकाला।
मज़दूरों और मेहनतकश लोगों के सभी तबकों का प्रतिनिधित्व करने वाली ट्रेड यूनियनों ने इस संयुक्त जुलूस का नेतृत्व किया। विभिन्न राष्ट्रीय-अल्पसंख्यकों के मज़दूर वर्ग के संगठनों ने इस जुलूस में ज़ोरदार तरीके़ से भाग लिया। मई दिवस की यह रैली – साम्राज्यवाद, साम्राज्यवादी युद्धों, जातिवाद और सांप्रदायिकता के खि़लाफ़ मज़दूरों की बढ़ती एकता का प्रतीक थी।
रेलवे मज़दूरों की यूनियन आर.एम.टी., कम्युनिकेशंस वर्कर्स यूनियन, पब्लिक एंड कमर्शियल सर्विसेज, टीचर्स एंड लेक्चरर्स यूनियनों की ट्रेड यूनियनों ने शिक्षा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एन.एच.एस.), परिवहन एवं अन्य सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण और जीवन-यापन की बढ़ती लागत का विरोध किया। वह रैली जुझारू बैनरों और जोशपूर्ण गीत-संगीत और जुझारू नारों से भरी हुई थी जो गर्व और हर्षोल्लास का माहौल बना रही थी। इंडियन वर्कर्स एसोसिएशन (ग्रेट-ब्रिटेन) ने भी इजारेदार पूंजीपति वर्ग द्वारा जारी शोषण के खि़लाफ़ संघर्ष छेड़ने वाले दुनिया के सभी मज़दूरों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिये इस रैली में हिस्सा लिया।
दुनियाभर के इजारेदार पूंजीपति, मेहनतकश लोगों के कंधों पर जीवन यापन के संकट को लाद रहे हैं। पूंजीपति अपने बेशुमार मुनाफ़ों को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं और यहां तक कि नौकरी वाले लोगों को मजबूर कर रहे हैं कि वे अपने परिवार का पेट भरने के लिए फूड बैंक या ख़ैराती संस्थाओं की शरण में जायें। वर्तमान व्यवस्था मेहनतकश लोगों के कल्याण के बारे में चिंतित नहीं है बल्कि मेहनतकश लोगों के विशाल बहुमत को बर्बाद करके केवल कुछ लोगों को और भी अमीर बना रही है।
एक छोटे अल्पसंख्यक शासक वर्ग के मुनाफे़ की गारंटी देने वाली वर्तमान व्यवस्था को बदलकर पूरे समाज के कल्याण के लिए संचालित एक वैकल्पिक व्यवस्था को स्थापित करने की सख़्त ज़रूरत है। इजारेदार पूंजीवाद के खि़लाफ़ लड़ने वाले सभी संगठनों को इस वैकल्पिक व्यवस्था को बनाने के लिए संघर्ष में अपनी एकता को मजबूत करने की ज़रूरत है जिसमें अर्थव्यवस्था, मेहनतकश लोगों द्वारा पैदा की गयी धन संपत्ति का इस्तेमाल बहुसंख्य लोगों के जीवन और सांस्कृतिक मानकों को लगातार ऊपर उठाने के लिए तैयार होगी। एक ऐसी व्यवस्था जिसमें मेहनतकश लोग अपने जीवन को प्रभावित करने वाली सभी नीतियों के बारे में निर्णय लेने वाले होंगे। ज़रूरत है सभी के लिए समृद्धि और सुरक्षा प्रदान करने वाली एक समाजवादी व्यवस्था का निर्माण करने की।