हिन्द नौजवान एकता सभा का अधिवेशन :

नौजवानों को समाज को बदलने के लिये संगठित होने का आह्वान

7 अप्रैल, 2013 को नई दिल्ली में हुये हिन्द नौजवान एकता सभा के अधिवेशन का मुख्य नारा था – ‘संगठित हो, हुक्मरान बनो और समाज को बदल डालो!’, इस नारे को संगठन ने अपनी स्थापना के समय अपनाया था और आज भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है। जहां इस अधिवेशन का आयोजन किया गया था, उस स्थान को लाल-ला

नौजवानों को समाज को बदलने के लिये संगठित होने का आह्वान

7 अप्रैल, 2013 को नई दिल्ली में हुये हिन्द नौजवान एकता सभा के अधिवेशन का मुख्य नारा था – ‘संगठित हो, हुक्मरान बनो और समाज को बदल डालो!’, इस नारे को संगठन ने अपनी स्थापना के समय अपनाया था और आज भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है। जहां इस अधिवेशन का आयोजन किया गया था, उस स्थान को लाल-लाल बैनरों से सजाया गया था, जिन पर लिखे नारे नौजवानों को संघर्ष में आगे बढ़ने को प्रेरित कर रहे थे। ये नारे थे – ‘कम्युनिज़्म के सिद्धांत में विद्वान बनो!’, ‘निजीकरण से कोई समझौता नहीं!’, ‘पूंजीवाद मुर्दाबाद, समाजवाद ज़िंदाबाद!’, आदि। इस अधिवेशन में संगठन के सदस्यों और कार्यकर्ताओं सहित, दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से महिलाओं, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, आदि ने भी हिस्सा लिया।

अधिवेशन में भागीदारी करने के लिये आये सैकड़ों नौजवानों से सभागृह खचाखच भरा हुआ था। इसमें आधे से ज्यादा नौजवान लड़कियां और महिलायें शामिल थीं। इतनी भारी संख्या में नौजवान लड़कियों और महिलाओं की भागीदारी से यह बात स्पष्ट होती है कि इस संगठन ने इस तरह का वातावरण बनाया है कि लड़कियां और महिलायें बिना किसी रुकावट या डर के अगुवाई लेने के लिये पे्ररित हों तथा समाज के अन्य कामों की तरह राजनीतिक संगठनात्मक काम में भी अगुवाई लें।

इस अधिवेशन में शामिल होने वालों में थे, नया दौर पार्टी से डाक्टर एस. छिब्बर तथा शहरी अधिकार मंच से इंदू प्रकाश सिंह, ईश्वर भाई, आदि।

इस अधिवेशन को हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की अगुवाई में संपन्न किया गया। अधिवेशन को चलाने के लिये एक अध्यक्ष मंडल चुना गया जिसमें हिन्द नौजवान एकता सभा के पूर्व प्रधान मंत्री बिरजू नायक और हिन्द नौजवान एकता सभा के दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री संतोष कुमार सहित हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की वरिष्ठ महिला कामरेड शामिल थीं।

अधिवेशन की शुरुआत नौजवान लड़कियों के एक समूह ने क्रांतिकारी गीत गाकर की, जिसके बोल थे, “आओ उठें मेरे देशवासियों, एक हो चलें हम, मेरे सारे साथियों”। इस जोशपूर्ण गीत ने सभा में बैठे सैकड़ों नौजवानों में जोश भर दिया। सभा को आगे बढ़ाते हुये संतोष साथी ने सभी का स्वागत किया और अधिवेशन के समक्ष संगठन के राजनीतिक काम तथा संगठनात्मक काम की रिपोर्ट पेश करने के लिये धर्मेंदर साथी को आमंत्रित किया। साथी ने पिछली समिति द्वारा तैयार की गई काम की रिपोर्ट को पेश किया। रिपोर्ट में साफ तौर से बताया गया था कि “समाज में हर तबके के नौजवान संघषों में उतर रहे हैं। वे मजदूर नौजवान हों, वे विद्यार्थी हों, शिक्षक हों, पायलट हों, रेल चालक हों, या अन्य किसी भी तबके के नौजवान हों, सभी ने इस पूंजीवादी व्यवस्था के द्वारा जारी दमन और शोषण के खिलाफ़ आवाज़ बुलंद की है।”

आगे कहा गया कि “हमने, एक पर हमला सभी पर हमला!’, इस नारे को मूल मंत्र बनाकर समाज के नौजवानों में जागरुकता लाने और संघर्षों को दिशा प्रदान करने में अपनी पूरी भागीदारी निभाई है। हमने अनेक संगठनों के साथ एकजुटता स्थापित की है। इनमें शामिल हैं – लोक राज संगठन, पुरोगामी महिला संगठन, सिख फोरम, जमात-ए-इस्लामी हिन्द, मणिपुर स्टूडें एसोसियेशन (दिल्ली), आदि। हमने, राजकीय आतंकवाद के खिलाफ़, मणिपुर में बर्बर सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून के खिलाफ़, महिलाओं के प्रति हिंसा के खिलाफ़, यूनियन बनाने के मजदूरों के अधिकारों की हिफ़ाज़त में, और राजनीतिक प्रक्रिया में मूलभूत परिवर्तन के लिये, साम्राज्यवादी जंग के खिलाफ़ तथा लोगों के अधिकारों की हिफ़ाज़त में चलाये जा रहे संघर्षों में पूरी तरह से भागीदारी की है।

“हम इस दौरान संगठन को मजबूत करने के लिये लगातार प्रयत्नशील रहे हैं। हमने नौजवानों के बीच, उनकी चेतना बढ़ाने के लिये अध्ययन सत्र चलाना, चर्चायें आयोजित करना, पूंजीवादी व्यवस्था का पर्दाफाश करने के लिये नौजवानों के बीच अलग-अलग माध्यमों से अपनी पहुंच को बढ़ाना, आदि काम किये हैं।

“हमने नौजवानों के बीच एक साफ-सुथरी सांस्कृतिक चेतना का प्रसार किया है, जो कि हमारे बहुभाषी और बहुसंस्कृति वाले देश की परंपरा रही है। जो परंपरा पूंजीवादी-साम्राज्यवादी प्रचार के चलते खत्म हो रही है। इसके लिये संगठन ने नौजवानों के बीच नाट्य कार्यशालाओं और सांकृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किये हैं।”

रिपोर्ट पेश होने के बाद, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की कामरेड को अधिवेशन को संबोधित करने के लिये आमंत्रित किया गया। उन्होंने पार्टी की ओर से अधिवेशन को बधाई प्रकट की। उन्होंने बताया कि हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के नौजवान सदस्यों ने 2001 में हिन्द नौजवान एकता सभा की स्थापना की थी। पार्टी ने समाज को बदलने में नौजवानों की भूमिका को शुरू से महत्व दिया है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये बताया कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि हिन्द नौजवान एकता सभा ने बहुत अच्छे ढंग से काम किया है। उन्होंने बताया कि हिन्दोस्तान में नौजवानों की संख्या 60 प्रतिशत है। लेकिन वे इस पूंजीवादी व्यवस्था में बेतहासा शोषण का शिकार हो रहे हैं। शिक्षा उनकी पहुंच से बाहर होती जा रही है। नौजवानों को राजकीय आतंकवाद का शिकार बनाया जा रहा है। हजारों की संख्या में बेकसूर नौजवानों को जेलों में बंद कर दिया जाता है और वर्षों बाद जब उनको छोड़ा जाता है, तब तक उनकी ज़िन्दगी खत्म हो चुकी होती है। ऐसे ही मणिपुर और पूरे उत्तरपूर्व में नौजवानों को शक के आधार पर फौज़ द्वारा कत्ल किया जा रहा है, जो ‘सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून’ के तहत किया जाता है। कांग्रेस पार्टी और भाजपा तथा दूसरी संसदीय पार्टियां अपने हितों के लिये नौजवानों का इस्तेमाल करती हैं। जब भी नौजवान अपने हकों के लिये आंदोलन करते हैं, चाहे वह महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा हो या फिर शिक्षा या रोजगार का मुद्दा हो, तब उन पर बर्बर हमला किया जाता है।

अंत में, उन्होंने कहा कि नौजवानों को मजदूरों, किसानों और महिलाओं के साथ मिलकर इस पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ना होगा और सत्ता की बागडोर अपने हाथों में लेनी होगी और एक समाजवादी देश का निर्माण करने के लिये क्रांति करनी होगी। हमें ऐसा समाज बनाना होगा जिसमें सभी की सुख-सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य की होगी।

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के संबोधन के बाद, संगठन की रिपोर्ट पर चर्चा के लिये मंच से आह्वान किया गया। बहुत सारे नौजवान कार्यकर्ता रिपोर्ट पर अपनी बात रखने को उत्सुक हो गये। इस दौरान अपनी बात रखने में बड़ी संख्या में नौजवान लड़कियों ने पहल ली।

बहुत से नौजवानों ने अपनी-अपनी बातों से लोगों को भाव-विभोर कर दिया। हर एक नौजवान वक्ता इस बात पर अटल था कि हम बहुत जल्द ही इस पूंजीवादी समाज को बदलेंगे और समाजवाद की स्थापना करेंगे। एक ऐसे समाज की स्थापना करेंगे जहां पर कोई भी शोषण नहीं होगा। इसके लिये हम नौजवान संगठित होंगे और संघर्ष को तेज़ करेंगे।

मंच पर नौजवान लड़के-लड़कियों ने सभा में गीत और कवितायें भी सुनाईं। सभा को संबोधित करने वाले नौजवानों ने समाज में व्याप्त बहुत सी समस्याओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान चलाया हुआ है लेकिन फिर भी लाखों बच्चे शिक्षा से वंचित क्यों हैं, हमें सही शिक्षा क्यों नहीं मिलती है। सभी को बराबर रोजगार के साधन क्यों नहीं मिलते हैं। इन समस्याओं के समाधान बतौर उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह जो नारा हमने तय किया है कि – संगठित हो, हुक्मरान बनो और समाज को बदल डालो!, इस रास्ते पर चलने से ही हमारे सभी लोगों की समस्याओं को दूर किया जा सकता है, और समाज के सभी लोगों की खुशहाली को सुनिश्चित किया जा सकता है।

इस अधिवेशन को डाक्टर एस. छिब्बर तथा इंदू प्रकाश सिंह ने संबोधित किया तथा नौजवानों से आह्वान किया कि हिन्दोस्तान के भविष्य निर्माता आप ही हैं और आप लोगों को निर्भय होकर तथा एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।

सभा को संबोधित करते हुये बिरजू नायक ने देश और दुनिया की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से समझाया और नौजवानों के सामने तमाम चुनौतियों का जिक्र करते हुये, उन्हें संघर्ष में आगे बढ़ने को प्रेरित किया। आने वाले चुनावों में नौजवानों को अहम भूमिका निभानी होगी और पूंजीपतियों के हितों में काम करने वाली पार्टियों की राजनीति को चुनौती देनी होगी।

अधिवेशन ने हिन्द नौजवान एकता सभा की नई समिति का चुनाव किया जो कि अगले दो वर्ष के लिये संगठन के काम को अगुवाई देगी। समिति ने सर्व सम्मति से लोकेश कुमार को संगठन का प्रधानमंत्री चुना।

अधिवेशन का समापन वक्तव्य देते हुये संतोष कुमार ने बताया कि आज मुझे बहुत खुशी है कि पूरे 12 वर्ष हो गये हैं, संगठन की स्थापना को, और हमने अपने काम को बहुत ही तेज़ी से समाज के हरेक तबके में बढ़ाया है। मैं स्थापना के समय एकदम युवा था और जितने जोश के साथ हमने इसकी स्थापना में भाग लिया था, उतने ही जोश के साथ हमने इसके काम को भी बढ़ाया है। आज हिन्दोस्तान में इंक़लाब का तूफान दस्तक दे रहा है, यह तूफान इस पूंजीवादी व्यवस्था का तख्ता पलट कर एक नये समाजवादी देश का निर्माण करेगा, इसके लिये नौजवानों को तैयार रहना होगा।

सभा के समापन के समय पूरा हॉल – ‘इंक़लाब ज़िंदाबाद!’, ‘संगठित हो, हुक्मरान बनो समाज को बदल डालो!’, ‘हम हैं इसके मालिक, हम हैं हिन्दोस्तान, मजदूर, किसान, औरत और जवान!’, जैसे प्रेरक नारों से गूंज उठा।

हिन्द नौजवान एकता सभा को मजदूर एकता लहर सफल अधिवेशन करने के लिये शुभकामनायें प्रेषित करती है।

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