8 मार्च को पुणे में महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन (एम.एस.ई.डब्ल्यू.एफ.) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। एम.एस.ई.डब्ल्यू.एफ. के महिला मोर्चा की अध्यक्ष कॉमरेड भारती भोयार ने बैठक की अध्यक्षता की। कॉमरेड भोयार ने मज़दूर और महिला के रूप में अपने अधिकारों को जीतने और बचाने के लिए महिलाओं को अपने पुरुष सहकर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने बैठक में बड़ी संख्या में उपस्थित महिला कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आगे आकर अपने विचार रखें।
पुरोगामी महिला संगठन की सुश्री शीना अग्रवाल मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने एक विस्तृत स्लाइड प्रस्तुति के ज़रिये अपने विचारों को पेश किया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के गौरवशाली इतिहास से शुरुआत करते हुए, उन्होंने बताया कि महिलाओं की मुक्ति के लिए हमें सभी मनुष्यों के शोषण और उत्पीड़न को समाप्त करने के उद्देश्य से लड़ना होगा। हमें एक ऐसी व्यवस्था के लिए लड़ना होगा जिसमें अर्थव्यवस्था मुट्ठीभर पूंजीपतियों के मुनाफ़ों को अधिकतम करने की बजाय काम करने वाले सभी लोगों के कल्याण को अधिकतम करने की दिशा में हो। इसके लिए हमें मेहनतकशों का शासन स्थापित करना होगा, जिनमें आधी महिलाएं हैं। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में सी.ए.ए. और एन.आर.सी. के ख़िलाफ़ संघर्ष और दिल्ली की सीमाओं पर किसानों द्वारा सालभर के विरोध प्रदर्शन जैसे विभिन्न संघर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिलाओं की सराहना की। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा में पुरोगामी महिला संगठन द्वारा किये गये संघर्ष के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने निजीकरण के खि़लाफ़ एम.एस.ई.डब्ल्यू.एफ. और अन्य संगठनों के मज़दूरों के संघर्ष में पुरोगामी महिला संगठन द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में बताया। पुरोगामी महिला संगठन की स्लाइड प्रस्तुति की काफी सराहना हुई।