19 जनवरी, 2023 को पूरे फ्रांस में एक दिन की हड़ताल हुई। दस लाख से अधिक की संख्या में मज़दूरों ने अपनी ट्रेड यूनियन संबद्धताओं को दरकिनार करते हुये एकजुट होकर भाग लिया। वे फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की सेवानिवृत्ति की क़ानूनी उम्र को 62 से बढ़ाकर 64 करने की योजना का विरोध कर रहे थे। जिससे उन्हें अगले दो वर्षों के लिए उनकी देय पेंशन से वंचित कर दिया गया।
इस हड़ताल के दौरान उत्तर में कैलिस से लेकर दक्षिण में मार्सिले तक, रेलवे और बिजली कर्मचारियों, अस्पताल कर्मियों, स्कूल के शिक्षकों और कई अन्य उद्योगों और सेवाओं के मज़दूरों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। देश के विभिन्न हिस्सों में 200 से अधिक स्थानों पर विरोध जुलूस आयोजित किए जाने की सूचना मिली है। ट्रेन और मेट्रो सेवाएं बंद हो गईं, स्कूल बंद रहे तथा हवाई सेवायें और बिजली आपूर्ति सेवायें भी प्रभावित हुईं। उनके संघर्ष में सरकार द्वारा उनके उचित हक़ से वंचित करने के कदम के ख़लिफ़ हड़ताल ने फ्रांस के मज़दूरों की एकता और तीव्र गुस्से को दिखाया ।
ट्रेड यूनियनों ने कर्मचारियों से आह्वान किया है कि वे 31 जनवरी को हड़ताल के एक और दिन के लिए व्यापक रूप से लामबंधी करें, ताकि पेंशन अधिकारों की बहाली की उनकी मांग पर जोर दिया जा सके।