राजस्थान के नोहर जिले में सिंचाई की समस्याओं को लेकर रामगढ़ उप तहसील कार्यालय के सामने चल रहा धरना प्रदर्शन, अधिकारियों से वार्ता के बाद 3 दिसंबर को समाप्त हुआ। एस.डी.एम. की अध्यक्षता में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में हुई इस वार्ता में विभिन्न बिंदुओं पर सहमति बनी। संयुक्त किसान संघर्ष समिति नोहर-भादरा अमरसिंह ब्रांच के बैनर तले यह धरना पिछले चैबीस दिनों से लगातार जारी था। किसानों के अडिग संघर्ष ने उनकी विभिन्न मांगों पर वार्ता करने के लिये अधिकारियों को विवश कर दिया।
वार्ता में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों सहित, संयुक्त किसान संघर्ष समिति नोहर-भादरा अमरसिंह ब्रांच के सदस्य उपस्थित रहे। इनमें शामिल थे – हनुमानप्रसाद शर्मा, ओमप्रकाश सहू, विक्रमसिंह गोगामेड़ी, देवेंद्र भांभू, कृष्णचंद्र, अजय स्वामी, आइदान हुडा, रामेश्वर वर्मा और मदन बेनीवाल।
विदित रहे कि यहां के किसान, संयुक्त किसान संघर्ष समिति नोहर-भादरा अमरसिंह ब्रांच की अगुवाई में सिंचाई के पानी की चोरी को रोकने, नहरों में सुधार आदि मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष करते आये हैं। किसानों ने यहां के अधिकारियों को इससे पहले कई बार ज्ञापन सौंपे हैं। उन्होंने कई बार धरना प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की हैं। परन्तु प्रशासन हर बार किसानों को वादे करके भूल जाता था। किसानों ने अपनी फ़सलों को बर्बाद होने से बचाने के लिये इस बार आर-पार की लड़ाई को फ़ैसला किया था। नतीजतन अधिकारियों को किसान नेताओं से वार्ता करके उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देना पड़ा।
एस.डी.एम. की अध्यक्षता में, किसानों के प्रतिनिधियों और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों बीच हुई वार्ता में विभिन्न मांगों पर सहमति बनी। इन मांगों में शामिल हैं – 11 दिसंबर से 28 दिसंबर को अमरसिंह ब्रांच (ए.एम.एस.) रेगुलेशन के दौरान मोघों का हाइड्रोलिक सर्वे करना, कमांड क्षेत्र एरिया (सी.सी.ए.) चक स्कीम तथा पी. फॉर्म में संशोधन का कार्य आगामी दो माह में करना, निर्धारित साइज़, ड्राइंग, डिज़ाइन के अनुसार ए.पी.एम. तरह की पानी वितरण की व्यवस्था लगाना, ए.एम.एस. सिस्टम 355 सी.एस. में पुराने समय में पूरा होता था, उसका प्रस्ताव आगामी रेगुलेशन कमेटी की बैठक में रखना, रेगुलेशन कमेटी में किसान प्रतिनिधि को शामिल करने की सूचना अख़बारों में प्रकाशित करवाना, 37 व 81 आर.डी. पर उपलब्धता के अनुसार सरकारी मज़दूरों को रखना, ए.एम.एस. के सिस्टम को चैदह दिन चलाकर सात दिन बंद करने का प्रस्ताव रेगुलेशन की बैठक में रखना तथा सिंचाई के पानी की चोरी की रोकथाम के प्रभावी उपाय करना।
अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में सहमति बनने के बाद संयुक्त किसान संघर्ष समिति नोहर-भादरा अमरसिंह ब्रांच ने पिछले चैबीस दिनों से जारी आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की। किसानों को यह ध्यान रखना होगा कि अधिकारियों ने इससे पहले भी कई बार आश्वासन दिये हैं, लेकिन किसानों का आंदोलन समाप्त होने के बाद, वे किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं देते। इस कारण समस्यायें जस की तस बनी रहती हैं। इसलिये किसानों को सतर्क रहकर प्रशासन द्वारा मानी गई शर्तों को पूरा होने तक संघर्षरत रहना होगा।