ज़मीन प्राप्ति संघर्ष समिति (जेड.पी.एस.सी.), पंजाब खेत मज़दूर यूनियन, पेंडू मज़दूर यूनियन, पंजाब खेत मज़दूर सभा, मज़दूर मुक्ति मोर्चा, कुल हिंद खेत मज़दूर यूनियन और दिहाड़ी मज़दूर सभा से जुड़े खेत मज़दूरों ने संगरूर में पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास पर 30 नवंबर को एक विशाल रैली का आयोजन किया।
उनकी मुख्य मांगों में शामिल है – गांव की सार्वजनिक भूमि को आरक्षित भूमि में बदलने के लिए क़ानून में संशोधन करना, ग्रामीण सहकारी समितियों में दलितों को 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देना और विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर जेड.पी.एस.सी. के सदस्यों के ख़िलाफ़ दर्ज़ की गई एफ.आई.आर. को रद्द करना।
प्रदर्शनकारी जब मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे तो पुलिस ने उनके रास्तों में बैरिकेट लगा दिये, ट्रकों और अन्य अवरोधों को लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बर्बर लाठीचार्ज किया, जिसकी वजह से कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
अधिकारियों ने जब उन्हें आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री 21 दिसंबर को आंदोलनकारी खेत मज़दूरों से मिलेंगे, तब मज़दूरों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया। हालांकि, उन्होंने घोषणा की है कि लंबे समय से चली आ रही उनकी मांगों को सरकार यदि पूरा नहीं किया तो वे अपना विरोध प्रदर्शन और तेज़ कर देंगे।
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) जैसे पंजाब के अन्य किसान संगठनों ने खेत मज़दूरों के द्वारा किये जा रहे संघर्ष का समर्थन किया है।