मध्यप्रदेश के नर्सो का संघर्ष

3 फरवरी, 2011 को नर्सों की हड़ताल को कुचलने के लक्ष्य से मध्यप्रदेश सरकार ने 200 से अधिक नर्सों को गिरफ्तार किया। सरकार ने आवश्यक सेवा कानून (एस्मा) का प्रावधान लागू किया। लेकिन सरकार के इस कड़े रुख के बावजूद, मध्यप्रदेश के रेवा, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर और भोपाल के अस्पतालों में काम करने वाली 3,500 से ज्यादा नर्सों का संघर्ष नहीं टूटा। नर्स हड़ताल पर हैं। वे तनख्वाह

3 फरवरी, 2011 को नर्सों की हड़ताल को कुचलने के लक्ष्य से मध्यप्रदेश सरकार ने 200 से अधिक नर्सों को गिरफ्तार किया। सरकार ने आवश्यक सेवा कानून (एस्मा) का प्रावधान लागू किया। लेकिन सरकार के इस कड़े रुख के बावजूद, मध्यप्रदेश के रेवा, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर और भोपाल के अस्पतालों में काम करने वाली 3,500 से ज्यादा नर्सों का संघर्ष नहीं टूटा। नर्स हड़ताल पर हैं। वे तनख्वाह की बढ़ोतरी मांग रही हैं। सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल की मांग कर रही हैं। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग और परिवार कल्याण विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों की भांति उनका वेतनमान किये जाने की मांग कर रही हैं। अभी की परिस्थिति के मुताबिक, इन नर्सों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं हैं।
जबलपुर के सरकारी मेडिकल कालेज व अस्पताल की नर्सों को सरकार ने धमकी दी है कि या तो वे तुरंत काम पर लौटें या फिर उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जायेगा।

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