बिजली मज़दूरों और इंजीनियरों का विशाल विरोध प्रदर्शन

Electricity_Workers_Protest at Jantar mantar23 नवम्बर, 2022 को ‘बिजली क्रांति रैली‘ के झंडे तले देश के कोन-कोने से हजारों बिजली मज़दूर नई दिल्ली में विशाल विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। वे बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 और बिजली आपूर्ति के निजीकरण के सरकार के प्रयासों का विरोध करने के लिये आये थे। विरोध प्रदर्शन का आयोजन नेशनल कोर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाईज एंड इंजीनियर्स (एन.सी.सी.ओ.ई.ई.ई.) द्वारा किया गया था।

Electricity_Workers_Protest at Jantar mantarप्रदर्शन स्थल को रंग-बिरंगे बैनरों से सजाया गया था, जिन पर विभिन्न प्रतिभागी केंद्रीय और राज्य यूनियनों और बिजली मज़दूरों तथा इंजीनियरों की फेडरेशनों के नाम लिखे हुये थे। “विद्युत संशोधन विधेयक 2022 मुर्दाबाद!”, “बिजली आपूर्ति के निजीकरण के सभी प्रयासों का विरोध करो!”, “बिजली कर्मचारियों के जायज़ संघर्ष का समर्थन करें!“, ”बिजली का निजीकरण समाज के हितों के खि़लाफ़ है“, “बिजली कर्मचारियों का संघर्ष पूरी तरह जायज़ है!“, “बिजली एक अनिवार्य सामाजिक आवश्यकता और एक सर्वव्यापी मानवाधिकार है!“ जैसे नारों वाले सैकड़ों बैनर लगे हुए थे।

Electricity_Workers_Protest at Jantar mantarमुख्य मंच पर बड़े-बड़े बैनर लगे हुये थे, जिनमें प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें लिखी गई थीं। बिजली मज़दूरों के समर्थन में भाग लेने वाली ट्रेड यूनियनों और मज़दूर संगठनों के बैनर भी लगे हुए थे।

जम्मू और कश्मीर, असम, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा सहित केंद्र शासित प्रदेशों जैसे कि दादरा नगर हवेली, दमन और दीव, चंडीगढ़ और पुदुचेरी से भी बिजली कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए।

Electricity_Workers_Protest at Jantar mantarबिजली मज़दूरों के जुझारू नारों से धरना स्थल गूंज उठा। अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिभागियों द्वारा अलग-अलग भाषाओं में नारे लगाए गए, विधेयक को रद्द किए जाने तक संघर्ष में बने रहने के अपने दृढ़ संकल्प में सभी एकजुट हुए।

विरोध प्रदर्शन को ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (ए.आई.पी.ई.एफ.) के महासचिव श्री शैलेंद्र दुबे, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉइज (ए.आई.एफ.ई.ई.) के राष्ट्रीय सचिव, कॉमरेड कृष्णा भोयर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव कॉमरेड डी. राजा, सीटू के महासचिव कॉमरेड तपन सेन, अखिल भारतीय किसान सभा (ए.आई.के.एस.) के महासचिव कॉमरेड हन्नान मोल्लाह और साथ ही संसद के कई सदस्यों ने संबोधित किया।

Electricity_Workers_Protest at Jantar mantarरैली को संबोधित करने वाले एन.सी.सी.ओ.ई.ई.ई. के अन्य पदाधिकारियों में प्रशांत चौधरी, मोहन शर्मा, समर सिन्हा, आर. के त्रिवेदी, पी. रत्नाकर राव, अभिमन्यु धनखड़ और अन्य वक्ता शामिल थे। अलग-अलग राज्यों के बिजली मज़दूरों के प्रतिनिधियों ने भी मंच से बात रखी, अपने-अपने क्षेत्रों में संघर्ष के अनुभव का वर्णन किया और पूरे देश के मज़दूरों की इस विशाल एकता के प्रदर्शन की सराहना की।

Electricity_Workers_Protest at Jantar mantarसभी वक्ताओं ने इस तथ्य पर ज़ोर दिया कि बिजली एक मौलिक अधिकार और एक सर्वव्यापी मानवीय ज़रूरत है, इसलिए राज्य का कर्तव्य है कि वह देश के सभी हिस्सों में सभी लोगों को उचित दरों पर पर्याप्त बिजली सुनिश्चित और प्रदान करे। बिजली को टाटा, अंबानी और अन्य बड़े इजारेदार कॉर्पोरेट घरानों के लिए निजी लाभ के स्रोत में नहीं बदला जा सकता। मज़दूरों, किसानों और बिजली के अन्य सभी उपभोक्ताओं द्वारा विधेयक के विनाशकारी परिणामों पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने सरकार के अहंकार की निंदा की जो बिजली कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान देने से इनकार कर रही है। उन्होंने जंतर-मंतर पर एकत्र हुए कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे देशव्यापी आंदोलन की तैयारी करें, ताकि सरकार को उनकी मांगों को मानने के लिए मजबूर होना पड़े।

Electricity_Workers_Protest at Jantar mantarमजदूर एकता कमेटी (एम.ई.सी.) के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदर्शन में भाग लिया और बिजली कर्मचारियों के संघर्ष को हार्दिक समर्थन व्यक्त किया। इस अवसर पर एम.ई.सी. द्वारा जारी किया गया एक बयान बड़े पैमाने पर वितरित किया गया।

एम.ई.सी. द्वारा जारी किये गये बयान को पढ़ने के लिए क्लिक करें

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