मिज़ोरम में पत्थर की खदान ढहने से मज़दूरों की मौत

15 नवंबर को मिज़ोरम के हनाथियाल जिले में हुये भूस्खलन के कारण एक पत्थर की खदान के ढह जाने से आठ खनन मज़दूरों की मौत हो गई और कम से कम 12 लापता हो गए। हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी खदान ढहने में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती है।

पत्थर की खदान का स्वामित्व ए.बी.सी.आई. इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के पास है, जो मिजोरम में हनाथियाल शहर और डॉन गांव के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के एक खंड को चौड़ा करने का काम कर रहा है। भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र लगभग 5,000 वर्ग मीटर है। बचाव कार्य के लिए बी.एस.एफ. और एन.डी.आर.एफ. की टीमों को तैनात किया गया है।

बिहार से आये मज़दूर इन खदानों में काम करते थे। लापता हुए 12 लोगों में से 4 ए.बी.सी.आई. के मज़दूर थे, जबकि 8 मज़दूर निजी ठेकेदार के लिए अनुबंध पर काम कर रहे थे।

खदान के पास रहने और काम करने वाले लोगों ने दावा किया है कि खदान बहुत गहरी खोदी गई थी और इस खुदाई ने मिट्टी की स्थिरता को बिगाड़ दिया था, जिसके परिणामस्वरूप पूरी पहाड़ी उन पर ढह गई।

अधिक मुनाफ़े के लिए निजी पूंजीपतियों की लालच के कारण होने वाली अनगिनत दुर्घटनाओं में से यह भी एक है। इस प्रक्रिया में निजी पूंजीवादी कंपनियों द्वारा मज़दूरों और आसपास के वातावरण की सुरक्षा को पूरी तरह से नज़र अंदाज़ कर दिया जाता है। राज्य पूंजीपतियों के हितों की रक्षा करता है, जो इस तरह के अपराधों से बच जाते हैं, जबकि मज़दूरों के पास ऐसी दुर्घटनाओं के ख़िलाफ़ कोई क़ानूनी सुरक्षा उपाय नहीं है।

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *