दिल्ली नर्सेज फेडरेशन (डी.एन.एफ.) के बैनर तले सैकड़ों नर्सों ने अपनी नौकरियों के नियमितीकरण और लंबित पदोन्नति की मांग को लेकर 4, 5 और 6 नवंबर को प्रतिदिन सुबह 9 बजे से 11 बजे तक हड़ताल की। डी.एन.एफ. ने यह भी घोषणा की है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 16 नवंबर को सामूहिक रूप से आकस्मिक अवकाश पर चले जाएंगे तथा 30 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
दिल्ली के सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों – एल.एन.जे.पी. अस्पताल, जी.बी. पंत अस्पताल, डी.डी.यू. अस्पताल, जी.टी.बी. अस्पताल, डॉ. बी.एस.ए. अस्पताल, डॉ. हेडगेवार अस्पताल, एस.जी.एम. अस्पताल तथ अन्य अस्पतालों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए थे।
हड़ताल करने वाले नर्सों ने शिकायत की है कि वर्तमान में 8,000 स्वीकृत पदों के लिए केवल 6,000 नर्सें हैं। तीन नए अस्पताल बन गए हैं और अन्य सरकारी अस्पतालों के स्टाफ को वहां भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिस्तर तो बढ़ाए गए हैं, लेकिन नर्सिंग स्टाफ नहीं बढ़ाया गया है। उन्होंने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव पर नर्सों की समस्याओं के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाते हुए इनके ख़िलाफ़ नारेबाजी की।
इससे पहले, डी.एन.एफ. ने नौकरियों के नियमितीकरण, लंबे समय से लंबित पदोन्नति और नए पदों के सृजन सहित अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए दिल्ली सचिवालय तक एक जुलूस निकाला था।