पुदुचेरी के बिजली मज़दूरों का निजीकरण के ख़िलाफ़ संघर्ष

पुदुचेरी के बिजली विभाग के मज़दूरों ने निजीकरण के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई में अस्थायी सफलता हासिल की है। उन्हें केंद्र शासित प्रदेश के बिजली मंत्री से आश्वासन मिला है कि बिजली वितरण के निजीकरण की प्रक्रिया को फ़िलहाल आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

Electricity-Workers-of-Puducherr-strikeसरकार द्वारा पुदुचेरी के वितरण और बिजली की खुदरा आपूर्ति के 100 प्रतिशत निजीकरण के लिए प्रस्ताव जारी करने के एक दिन बाद, विभाग के हजारों मज़दूर 28 सितंबर 2022 को हड़ताल पर चले गए। कार्यकर्ताओं ने धरना शुरू किया और यह धरना भारी पुलिस की मौजूदगी के बावजूद 6 दिनों तक इसे जारी रखा गया। आख़िर में उनकी इस लड़ाई ने मुख्यमंत्री और बिजली मंत्री को उनसे बातचीत करने के लिए मजबूर कर दिया। उन्हें आश्वासन दिया गया कि निजीकरण के इस कार्यवाही पर पुनर्विचार किया जाएगा।

जब पहली बार जून 2022 में निजीकरण का प्रस्ताव रखा गया था, उस समय भी विभाग के मज़दूरों ने निजीकरण के क़दम के ख़िलाफ़ अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी थी। मज़दूरों को हड़ताल वापस लेने के लिए कहते हुए, मुख्यमंत्री ने मज़दूरों को आश्वासन दिया था कि वितरण नेटवर्क को एक निजी कंपनी को सौंपने के लिए कोई सहमति देने से पहले वह उनसे परामर्श करेंगे। सितंबर 2022 में बोलियां लगाने से पहले कोई परामर्श नहीं किया गया था।

Electricity-Workers-of-Puducherr-strikeबातचीत के दौरान मज़दूरों ने अपनी दलीलें रखीं कि क्यों केंद्र शासित प्रदेश में बिजली आपूर्ति के निजीकरण का कोई आधार नहीं है। उन्होंने बताया कि पुदुचेरी में देश में लगभग सबसे कम टैरिफ है, उपभोक्ता भी संतुष्ट हैं, और पुदुचेरी के बिजली विभाग को लाभ हो रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि यह केन्द्र शासित प्रदेश के हित में नहीं था कि विभाग की संपत्ति को एक निजी कंपनी को सचमुच उपहार में दे दिया जाये, जैसा कि चंडीगढ़ में किया गया था। इसके अलावा, उन्होंने निजीकरण की वैधता पर सवाल उठाया, जबकि बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 पर स्थायी समिति की रिपोर्ट तक नहीं आई है। यह याद किया जा सकता है कि विधेयक 8 अगस्त को संसद में पेश किया गया था और इसे बिजली मामलों की स्थायी समिति को भेजा गया था।

इन बातचीतों और मंत्री की घोषणा के बाद, पुदुचेरी इलैक्ट्रिसिटी वर्कर्स एक्शन कमेटी ने हड़ताल को अभी के लिए वापस लेने का फैसला किया। एक्शन कमेटी आंदोलन को आगे ले जाने की आवश्यकता की समीक्षा करेगी।

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *