दिल्ली के सफाई मज़दूरों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर 14 अक्तूबर से हड़ताल शुरू की। यह हड़ताल ‘एमसीडी समस्त यूनियन कोर कमेटी’ के बैनर तले आयोजित की गई थी। इस कोर कमेटी में दिल्ली के सफाई मज़दूरों की 8 यूनियनें शामिल हैं ।
सफाई मज़दूरों ने हड़ताल के दौरान झाड़ू लगाने और कूड़ा उठाने, जैसे मुख्य कामों और कई अन्य कामों को रोक दिया। दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने मजबूर होकर दो दिन के बाद ही मज़दूरों की मांगों को लेकर चर्चा करने के लिये उनके प्रतिनिधियों को बुला लिया। कुछ मांगों को पूरा करने के अधिकारियों के आश्वासन के बाद, मज़दूरों ने तत्कालीन तौर पर हड़ताल समाप्त की। उन्होंने फैसला किया है कि संपूर्ण मांगों के पूरा होने तक वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
संघर्ष कर रहे सफाई मजदूरों ने मज़दूर एकता लहर को बताया कि दिल्ली नगर निगम में 15,000 से अधिक सफाई मज़दूर 20 से अधिक साल से दिहाड़ी मज़दूर की तरह कम कर रहे हैं। वे वर्षों से पक्की नौकरियों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। सफाई कर्मचारियों को पिछले तीन सालों से दिवाली बोनस नहीं मिला है, पिछले पांच सालों से वर्दी नहीं मिले हैं, निगम की ओर से सुरक्षा उपकरण जैसे कि मास्क, दस्ताने, हेलमेट, आदि भी लंबे समय से मुहैया नहीं कराये गये हैं ।
दिहाड़ी पर काम करने वाले अस्थाई मज़दूरों को निगम की तरफ से समाजिक सुरक्षा या स्वास्थ्य सेवा की सुविधा नहीं दी जाती है। इन मज़दूरों को निगम द्वारा बहुत कम वेतन, मात्र 16080 रुपये प्रति माह, पर रखा जाता है। उन्हें दुर्घटना होने पर किसी भी प्रकार का मुआवज़ा नहीं मिलता है। मृत्यु के बाद उनके परिवार के किसी सदस्य को अनुकंपा नौकरी, पेंशन आदि सुविधायें प्राप्त नहीं होतीं।
निगम में सफाई मज़दूरों की भारी कमी है। झाड़ू लगाने वाले मज़दूरों के लिये उनके काम के क्षेत्र को बढ़ा दिया गया है। सफाई मज़दूरों की कमी के कारण, मौजूदा मज़दूरों पर काम का बोझ अत्याधिक बढ़ जाता है। इस कमी के कारण सफाई का काम भी प्रभावित होता है। सफाई कर्मचारियों को छुट्टी के दिनों पर भी जबरन काम पर बुलाया जाता है और उसके बदले किसी प्रकार का भत्ता भी नहीं दिया जाता।
संघर्षरत सफाई मजदूरों ने दिहाड़ी मजदूरों की नौकरियों को नियमित किये जाने और उन्हें सभी सुविधाएं दी जाने, बोनस का फौरी भुगतान किये जाने, आदि की मांगें उठाई हैं। उनकी अन्य मांगों में शामिल हैं कि मजदूरों की सभी पुरानी शिकायतों पर कार्यवाही की जाये तथा मृत मजदूरों के आश्रितों को स्थाई नौकरी और लाभांश दिये जायें।
निगम के सफाई मज़दूर काम की बदतर हालतों में सुधार और सुरक्षा की मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष करते आ रहे हैं। उन्हें अधिकारीयों ने बार-बार आश्वासन दिया है लेकिन उनकी मांगों की सुनवाई नहीं हुयी है।
उन्होंने घोषित किया है कि अगर निगम अधिकारियों ने दिए गए आश्वासनों को पूरा नहीं किया तो 26 अक्तूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की जायेगी।