भिवंडी में करघा मज़दूरों की विजय सभा

भिवंडी में 12 सितंबर, 2022 को लालबावटा पावर लूम वार्पर और असंगठित कामगार संगठन के बैनर तले “कामगार संघर्ष सभा” का आयोजन किया गया था। यह बैठक उन मज़दूरों की जीत का जश्न मनाने के लिए आयोजित की गई थी, जिन्होंने एक संयुक्त और दृढ़ संघर्ष के बाद 2000 रुपये की मासिक वेतन वृद्धि हासिल की।

400_Victory Meeting by Loom workers in Bhiwandiवक्ताओं में महाराष्ट्र के दहानू से विधायक व सीटू के राज्य सचिव, कॉमरेड विनोद निकोल और सोलापुर के पूर्व विधायक व मज़दूर नेता, कॉमरेड नरसाया एडम मास्टर थे। बैठक को संबोधित करने के लिए लोक राज संगठन (एल.आर.एस.) के एक प्रतिनिधि को भी आमंत्रित किया गया था।

करघा मज़दूरों और बीड़ी मजदूरों के नेता कॉमरेड सुनील चव्हाण ने मज़दूरों की एकता और समर्थन की सराहना की और बैठक का संदर्भ समझाया। भिवंडी में जब करघा मज़दूर उचित मज़दूरी और सुविधाओं की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे, तो करघा मालिकों के गुंडों ने उनके यूनियन कार्यालय में प्रवेश किया और उन पर हमला कर दिया। परन्तु, मज़दूरों ने एकजुट होकर गुंडों को भगाया और मालिकों के पास बातचीत करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।

1000 महिलाएं, पुरुष और युवा जो हॉल में आए थे, कॉमरेड सुनील के साथ सहमत थे। उन्होंने “लड़ेंगे जीतेंगे!”, “इंकलाब जिंदाबाद!”, “हमारा हक लड़के लेंगे!” और “मलिक की दादागिरी नहीं चलेगी!’’ के जुझारू नारे लगाए। काम का दिन होने की वजह मज़दूरी का नुक़सान होने के और बारिश होने के बावजूद, भारी संख्या में मज़दूर इकठ्ठा हुए थे।

कॉमरेड नरसाया एडम मास्टर ने गुंडों से लड़ने वाले 400 मज़दूरों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अगर हम एकजुट होंगे तो हम हमेशा जीतेंगे। हम भीख नहीं मांग रहे हैं; हम अपना पसीना बहाते हैं। जो कुछ भी पैदा होता है वह मेहनतकशों के श्रम के कारण होता है। हम मालेगांव, नासिक, सोलापुर, आदि अनेक इलाकों में संघर्ष कर रहे हैं।

लोक राज संगठन की प्रतिनिधि सुश्री तृप्ति ने बड़ी संख्या में महिलाओं, युवाओं और मज़दूरों की उपस्थिति की सराहना की और कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी हमें न्यूनतम मज़दूरी, अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की मांग के लिए सड़कों पर आना पड़ता है। क्या इसी आज़ादी के लिए हमारे पूर्वज लड़े थे? यह वह समाज नहीं है जिसे हम चाहते हैं। आज हर वस्तु के दाम आसमान छू रहे हैं। सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह नहीं है। यह हमारी परिसंपत्तिओं को सस्ते में सबसे अमीरों को बेच रहे हैं। उनके पास हिन्दोस्तान के मेहनतकशों के लिए कोई कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने अधिकारों के लिए मज़दूरों के संघर्ष के लिये लोक राज संगठन का समर्थन व्यक्त किया।

कॉमरेड निकोल ने कहा कि वे हमें हिंदू और मुस्लिम के रूप में बांटने की कोशिश करते हैं। उन्होंने मज़दूरों के संघर्ष के लिए अपने समर्थन की घोषणा की और कहा कि वे इसके बारे में भिवंडी के विधायक से बात करेंगे और विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएंगे कि ट्रेड यूनियनों, उनके नेताओं और मज़दूरों पर हमले कैसे हो रहे हैं।

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