बिहार के सफ़ाई मज़दूर 27 अगस्त, 2022 से राज्यव्यापी हड़ताल पर हैं। इसमें सभी नगरपालिकाओं के मज़दूर हिस्सा ले रहे हैं। पटना नगर निगम में ही करीब 40,000 मज़दूर हड़ताल में शामिल हैं।
हड़ताल का आयोजन बिहार लोकल बॉडीज़ संयुक्त संघर्ष मोर्चा और बिहार राज्य स्थाई निकाय कर्मचारी महासंघ ने किया है। उन्होंने अपनी 11 सूत्री मांगों के समर्थन अनिश्चितकालीन हड़ताल की है। उनकी मांगों में शामिल है कि ठेके पर कार्यरत मज़दूरों के लिये नियमित मज़दूरों के बराबर का वेतन दिया जाये।
पटना नगर निगम ने कूड़ा हटाने के लिये जे.सी.बी. मशीनों का इस्तेमाल कर रही है। इसके बावजूद, ख़बरें मिल रही हैं कि पटना और अन्य शहरों में घर-घर से कूड़ा हटाने का काम, सड़कों की सफ़ाई तथा मरम्मत का काम बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
ठेके पर काम करने वाले सफ़ाई मज़दूरों का वेतन नियमित मज़दूरों के वेतन का लगभग एक-तिहाई ही है। अपनी मांगों को लेकर सफ़ाई मज़दूर कई सालों से आंदोलन करते आये हैं और अब उन्होंने अपने संधर्ष को और तेज़ करने की ठान ली है। सफ़ाई मज़दूरों की मांगें हैं कि बराबर काम के लिये बराबर वेतन मिलना चाहिये और काम के बेहतर हालात होने चाहियें। ये मांगें एकदम जायज़ हैं।