सार्वजनिक क्षेत्र की जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के 58,000 कर्मचारियों ने अपनी लंबे समय से चली आ रही मांगों के समर्थन में 27-28 जुलाई को दो दिवसीय हड़ताल पर जाने के अपने फैसले की घोषणा की है। हड़ताल की कार्रवाई की घोषणा न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के कर्मचारियों द्वारा की गई है। मुख्य मांग यह है कि सामान्य बीमा कंपनियों का प्रबंधन एक नए मज़दूरी समझौते पर बातचीत करे और वेतन को संशोधित करे।
मज़दूर यूनियन लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं। पिछला वेतन समझौता अगस्त 2012 में हस्ताक्षरित किया गया था और अगस्त 2017 में यह समाप्त हो गया था। तब से, प्रबंधन और यूनियनों के बीच कोई नया वेतन समझौता नहीं किया गया है। मज़दूर यूनियन इस ओर इशारा कर रहे हैं कि सरकार जानबूझकर सामान्य बीमा कंपनियों में वेतन संशोधन से बच रही है। यह जानबूझकर इन कंपनियों को समाप्त करने, उन्हें घाटे में चल रही कंपनियों में बदलने और उन्हें निजी एकाधिकार पूंजीपतियों को सौंपने की नीति का हिस्सा है। मज़दूरों को वीआरएस लेने और कंपनियों को छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
इससे पहले, मज़दूर यूनियनों ने घोषणा की थी कि वे 15 जुलाई को हड़ताल पर चले जाएंगे। जब सरकार ने घोषणा की थी कि वह उनकी मांगों पर विचार करेगी तो उन्होंने हड़ताल के आह्वान को स्थगित कर दिया था। लेकिन सरकार ने मज़दूरों की मांगों को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इसलिए सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के मज़दूरों की यूनियनों ने 27-28 जुलाई को हड़ताल की कार्रवाई का आह्वान किया है।