जुलाई के दूसरे सप्ताह में किसानों ने नोहर में महापंचायत आयोजित की जिसमें 3000 से भी अधिक किसानों ने हिस्सा लिया। जून, 2022 के अखिरी सप्ताह से हनुमानगढ़ की नोहर तहसील क्षेत्र में सिंचाई के पानी के लिये किसानअनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। यह धरना नोहर-सिरसा सड़क मार्ग पर चक संख्या-7 के जी.एस.एन. के पुल के पास चल रहा है। यह धरना संयुक्त किसान संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित किया गया है, जिसमें अनेक संगठन शामिल हैं।
सिंचाई के पर्याप्त पानी की मांग के साथ-साथ किसानों की मांग है कि नोहर फीडर के सी.पी.-4 पर पूरा 332 क्यूसेक पानी दिया जाये, रेगुलेशन सही करवाया जाये, नहरों का पुनर्निर्माण करवाया जाये, नहरों में से सिल्ट निकलवाई जाये, पानी की चोरी को रोकने के लिये पुख्ता इंतजाम किये जायें, भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड में राजस्थान का प्रतिनिधि शामिल किया जाये, आदि।
इस बार किसान आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिये मन बना चुके हैं। बार-बार आश्वासन देने और समझौता वार्ता करने के बाद भी सरकार और प्रशासन की उदासीनता के कारण किसान बहुत गुस्से में हैं।सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी न मिलने के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं।
किसानों ने संघर्ष के दौरान पहले क्रमिक अनशन किया, फिर आमरण अनशन शुरू किया और इसके बाद चक्का जाम भी किया। इन परिस्थितियों में किसानों नेआगे के संघर्ष की योजना बनाने तथा नई रणनीति बनाने के लिए एक महापंचायत बुलाई है।
लोक राज संगठन के सर्व हिन्द उपाध्यक्ष ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है और उनकी मांगों को शीघ्र पूरा करने को लेकर जिला कलेक्टर कोएक पत्र लिखा है। पत्र में चेतावनी दी गई है कि यदि समय रहते किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो संयुक्त किसान संघर्ष समिति के बैनर तले इस आंदोलन को एक जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा।
किसानों की इस महापंचायत को संयुक्त किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष राम कुमार सारण, सरदार गुरमेल सिंह, एडवोकेट राजेंद्र सिहाग, एम.पी.-11 के अध्यक्ष काशी राम डूकिया, हनुमान सियाग, ओमप्रकाश बिजारणिया, पूर्व पंचायत समिति प्रधान अमर सिंह पूनिया, लोक राज संगठन की सर्व हिंद उपाध्यक्ष हनुमान प्रसाद शर्मा, आदि ने संबोधित किया।