2 जून, 2022 को दिल्ली के ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की अगुवाई में, दिल्ली के मुख्य मंत्री के आवास पर एक ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया।
प्रदर्शन को अगुवाई देने वाले संगठन थे – सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू), आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिन्द मज़दूर सभा, मज़दूर एकता कमेटी, इंडियन नेशनल ट्रेड युनियन कांग्रेस (इंटक), सेवा, आल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियंस (ए.आई.सी.सी.टी.यू.), ट्रेड यूनियन को-आर्डिनेशन सेंटर (टी.यू.सी.सी.), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एल.पी.एफ.), आल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (ए.आई.यू.टी.यू.सी.), यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यू.टी.यू.सी.), इंडियन फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियंस (इफ्टू) और इंडियन कौंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियंस (आई.सी.टी.यू.)।
प्रदर्शनकारियों ने अपने गुस्से को प्रकट करते हुए ज़ोरदार नारे लगाये – ‘औद्योगिक दुर्घटनाओं का जिम्मेदार कौन – दिल्ली सरकार जवाब दो!’ ‘क्या मज़दूरों की जानें सस्ती हैं, और सुरक्षा उपकरण महंगे हैं?’ ‘औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ती दुर्घटनाओं के लिए सरकारी एजेंसियां ज़िम्मेदार है!’, ‘मज़दूरों की जानों से खिलवाड़ करना बंद करो!’, ‘पीड़ित परिवारों को उचित मुआवज़ा दो!’, ‘मज़दूरों के हत्यारे दिल्ली सरकार और एमसीडी जवाब दो!’, ‘पूंजीपति मालिकों और सरकारी एजेंसियों का गठजोड़ ही मज़दूरों की मौत के लिए ज़िम्मेदार है!’, आदि । इन और अन्य नारों के प्लेकार्ड और बैनर भी मज़दूरों के हाथों में बुलंद थे ।
भागीदार संगठनों के प्रतिनिधियों ने विरोध प्रदर्शन को संबोधित किया। वक्ताओं ने मृत मज़दूरों के परिजनों के लिए मुआवज़े की मांग की तथा राज्य के अधिकारियों के लिए कड़ी से कड़ी सज़ा की मांग की। दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और पूरे राज्य प्रशासन को मुंडका अग्निकांड में मज़दूरों की मौत के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए, प्रदर्शनकारी मज़दूरों ने सरकार से यह मांग की कि आवश्यक क़दम उठाये जायें ताकि इस प्रकार के अग्निकांड व औद्योगिक दुर्घटनाएं फिर कभी न हों तथा मज़दूरों के सभी अधिकार सुनिश्चित किये जाये।
ट्रेड यूनियनों की ओर से मुख्यमंत्री को इन मांगों सहित एक ज्ञापन सौंपा गया।