मुंडका अग्निकांड के खिलाफ दिल्ली के मजदूरों के विरोध प्रदर्शन
मजदूरों ने श्रम मंत्री को चेतावनी दी

दिल्ली के ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की अगुवाई में, 17 मई की सुबह को, दिल्ली के श्रम मंत्री के आवास पर एक ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया।

प्रदर्शन को संयुक्त रूप से आयोजित करने वाले संगठन थे सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू), हिन्द मजदूर सभा, मजदूर एकता कमेटी, सेवा, आल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ), इंडियन फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियंस (इफ्टू) और इंडियन कौंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियंस (आईसीटीयू)

मजदूरों ने अपने हाथों में लिए बैनरों और प्लाकार्डों के जरिये अपने गुस्से को प्रदर्शित किया। उन पर लिखे नारे इस प्रकार थे – ‘मजदूरों के हत्यारे दिल्ली सरकार और एमसीडी जवाब दो!’, ‘पूंजीपति मालिकों और सरकारी एजेंसियों का गठजोड़ ही मजदूरों की मौत के लिए जिम्मेदार है!, ‘औद्योगिक दुर्घटनाओं का जिम्मेदार कौन दिल्ली सरकार जवाब दो!’ ‘क्या मजदूरों की जानें सस्ती हैं, और सुरक्षा उपकरण महंगे हैं?’ ‘औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ती दुर्घटनाओं के लिए सरकारी एजेंसियां जिम्मेदार है!’ आदि।

श्रम मंत्रालय और नगर निगम के अधिकारियों, सरकार और पूरे राज्य प्रशासन को मुंडका अग्निकांड में मजदूरों की मौत के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए, क्रोधित मजदूरों ने मृत मजदूरों के परिजनों के लिए इंसाफ व मुआवज़े की मांग की तथा राज्य के अधिकारियों के लिए कड़ी से कड़ी सज़ा की मांग की। इसके साथसाथ, प्रदर्शनकारी मजदूरों ने सरकार से यह मांग की कि सख्त कदम लिए जायें ताकि इस प्रकार के अग्निकांड व औद्योगिक दुर्घटनाएं फिर कभी न हों तथा मजदूरों के सभी अधिकार सुनिश्चित किये जायें।

श्रम मंत्री को ट्रेड यूनियनों की ओर से, इन मांगों सहित एक ज्ञापन सौंपा गया।

दिल्ली सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन

17 मई को मुंडका में हुए भीषण फैक्टरी अग्निकांड में मजदूरों की मौत के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करते हुए, अनेक मजदूर संगठनों, महिला, युवा व छात्र संगठनों तथा जन संगठनों ने दिल्ली सचिवालय पर संयुक्त विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन में भाग लेने वाले सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्य और सरकार को मजदूरों की इन अमानवीय हालतों और मजदूरों की मौत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया। प्रदर्शनकारियों ने यह मांग की कि सभी ज़िम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाये, उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाये और मजदूरों के सभी अधिकार व कार्यस्थल पर सुरक्षा सुरक्षित की जायें, उन्होंने इन मांगों समेत एक ज्ञापन दिल्ली सरकार के श्रममंत्री मनीष सिसोदिया को सौंपा।

विरोध प्रदर्शन को आयोजित करने वाले संगठन थे आल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियंस (एफ्टू) – न्यू, मजदूर एकता कमेटी, इंडियन फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियंस (इफ्टू) इंकलाबी मजदूर केन्द्र, मजदूर एकता केन्द्र, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, लोकपक्ष, इंडियन फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियंस (इफ्टू) – सर्वहारा, मजदूर सहयोग केन्द्र, दिल्ली पीपुल्स फोरम, आदि।

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