मानवाधिकार के दिवस अवसर पर, खाद्य और रोजगार के अधिकार को लेकर, लोक राज समिति की अगुवाई में, तहसील पर जोरदार प्रदर्शन किया गया।
इस प्रदर्शन में हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की इलाका कमेटी के साथियों ने भाग लिया।
मानवाधिकार के दिवस अवसर पर, खाद्य और रोजगार के अधिकार को लेकर, लोक राज समिति की अगुवाई में, तहसील पर जोरदार प्रदर्शन किया गया।
इस प्रदर्शन में हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की इलाका कमेटी के साथियों ने भाग लिया।
भिवंडी की सड़कें हजार से भी ज्यादा स्त्री-पुरुषों के नारों से गूँज उठीं! वे नारे थे – “राशन हमारा हक़ है, वो हम लेके रहेंगे!”, “नौकरी हमारा हक है वो हम लेके रहेंगे!”, “कैसे लेंगे? लड़ के लेंगे!” आदि जोशीले नारों के साथ 45 से भी ज्यादा गांवों से आये 1000 से भी ज्यादा लोग अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे थे।
पूर्व निर्धारित स्थान पर लोग सुबह 10 बजे इकट्ठा हुए। लोग सरकार की घोषित योजनाओं में हो रही अनियमितताओं को लेकर बहुत गुस्से में थे। फिर जोशीली नारेबाजी के साथ तहसीलदार की कचहरी के सामने पहुंचे।
प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार को हर एक गाँव से एक प्रतिनिधि तथा संगठन के प्रतिनिधि सहित, 45 लोगों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए बाध्य किया। तहसीलदार ने घोषणा की कि, ‘वे सभी राशन दुकानदारों की बैठक बुलाकर चेतावनी देंगें। उन्होंने यह भी मान लिया कि ग्राम सभा में लोगों द्वारा चयन किये ग्रामिणों की निगरानी समिति का भी गठन करेंगे। प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी कि अगर हमें ठीक से राशन नहीं मिला तो हम चुप नहीं रहेंगे।
प्रदर्शन का दूसरा मुद्दा, ग्रामीण रोजगार योजना के तहत लोगों को रोजगार न मिलना। तहसीलदार ने संबंधित अफसर को निर्देश दिए कि वह शून्य क्रेडिट अकाउंट बैंक में खोलने के लिए ग्रामीणों की मदद करेगा एवं जो भी काम करना चाहता है उसे काम भी देगा।
प्रदर्शन में एस.यू.सी.आई. के नौजवान साथी भी शामिल हुए।
मजदूर एकता लहर, लोक राज संगठन की पड़घा समिति को एवं उन सभी बहादुर प्रदर्शनकारियों को बधाई देते हैं और उनकी पुरजोर हिमायत करते हैं।