मेहनतकश लोगों की आजीविका और अधिकारों पर चैतरफा और बढ़ते हमलों के ख़िलाफ़ कम्युनिस्ट और वामपंथी दलों ने 30 सितंबर को दिल्ली में जंतर मंतर पर एक विरोध मार्च का आयोजन किया था। विरोध का आयोजन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सी.पी.आई.), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी (सी.पी.आई.एम.), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (सी.पी.आई.-एम.एल.), हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी (सी.जी.पी.आई.), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (ए.आई.एफ.बी.) और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आर.एस.पी.) द्वारा संयुक्त रूप किया गया था।
”पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें नीचे लाओ!“, ”क़ीमत वृद्धि बंद करो!“, ”बढ़ती बेरोज़गारी के को ख़तम करो!“, ”सभी मज़दूरों के लिए न्यूनतम मज़दूरी और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करो!“, ”हड़ताल के हमारे अधिकार पर हमले बंद करो!“, ”सार्वजनिक संपत्ति को निजी हाथों में बेचना बंद करो!“, ”तीन किसान विरोधी कानूनों को तुरंत रद्द करो!“, ”श्रम संहिताओं को निरस्त करो!“ – इन सभी और प्रदर्शनकारियों की अन्य मांगों को बैनरों पर मुख्य रूप से लिखा गया था। कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाज़ी की।
रैली में भाग लेने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कोविड-19 संकट के दौरान लोगों को स्वास्थ्य देखभाल और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में विफल रहने के लिए और लोगों को अपने हाल पर छोड़ देने के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने यह भी कहा कि वास्तव में, संकट सबसे बड़े हिन्दोस्तानी और विदेशी इजारेदार पूंजीपतियों के लिए एक वरदान रहा है, जिनका मुनाफ़ा इस दौरान कई गुना बढ़ गया है। सरकार ने लोगों के सभी प्रकार के विरोध को कुचलने के लिए और तीन किसान विरोधी कानूनों और श्रम संहिताओं जैसे जनविरोधी कानूनों को लागू करने के लिए कोविड संकट का इस्तेमाल किया है। वक्ताओं ने पेट्रोल, डीज़ल और सभी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती क़ीमतों के ख़िलाफ़ और सबसे बड़े कॉर्पोरेट घरानों को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की बिक्री के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई, और तीन किसान विरोधी कानूनों और श्रम संहिताओं को तत्काल हटाने की मांग की।
रैली में देश भर के मज़दूरों और किसानों, महिलाओं और नौजवानों से इन हमलों का विरोध करने के लिए एक साथ आने और इन हमलों को हराने के लिए एक शक्तिशाली प्रतिरोध आंदोलन बनाने का आह्वान किया।
सी.पी.आई. महासचिव डी. राजा, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के बिरजू नायक, सी.पी.आई.एम. के प्रो. राजीव कुमार, सी.पी.आई.एम.एल. की सुचेता डे; आर.एस.पी. के दिल्ली राज्य, शत्रुजीत सिंह और ए.आई.एफ.बी. के दिल्ली राज्य सचिव, धर्मेंद्र कुमार वर्मा, के साथ रैली को कई अन्य कार्यकर्ताओं ने भी संबोधित किया।