”हमारी पार्टी, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की 30वीं सालगिरह को मनाने के लिये यहां एकत्रित हुए आप सभी साथियों को क्रांतिकारी लाल सलाम!” कामरेड का यह अभिवादन पार्टी के साथियों तथा समर्थकों की भरी सभा में गूंज उठा। 30 जनवरी को ठाणे में यह सभा आयोजित की गई थी। यह सभा पार्टी के चौथे महाधिवेशन में चुनी गई केन्द्रीय समिति के आह्वान पर बुलायी गई थी। पार्टी के क
”हमारी पार्टी, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की 30वीं सालगिरह को मनाने के लिये यहां एकत्रित हुए आप सभी साथियों को क्रांतिकारी लाल सलाम!” कामरेड का यह अभिवादन पार्टी के साथियों तथा समर्थकों की भरी सभा में गूंज उठा। 30 जनवरी को ठाणे में यह सभा आयोजित की गई थी। यह सभा पार्टी के चौथे महाधिवेशन में चुनी गई केन्द्रीय समिति के आह्वान पर बुलायी गई थी। पार्टी के काम को और बेहतर ढंग से समझने तथा पार्टी के सामने चुनौतियों को समझने में पार्टी के सभी सदस्यों तथा समर्थकों और मित्रों को सक्रिय करने के उद्देश्य से यह सभा बुलायी गई थी।
कामरेड ने अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन के इतिहास पर बात की और यह समझाया कि समाजवाद क्यों आज वक्त की जरूरत है। इसके बाद हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के काम और संघर्षों पर एक फिल्म दिखाई गई।
पार्टी के एक वरिष्ठ कामरेड ने महाराष्ट्र में पार्टी के काम पर एक प्रस्तुति पेश की और उस पर चर्चा हुई। मजदूरों और महिलाओं के बीच आज से 30 वर्ष पहले शुरु किये गये काम का जिक्र करते हुए उन्होंने ऐतिहासिक कपड़ा मजदूरों की हड़ताल में तथा उसके समर्थन में हमारे साथियों द्वारा आयोजित महिलाओं की रैली में पार्टी की भूमिका के बारे में बताया। प्रस्तुति में पार्टी के काम के कई महत्वपूर्ण मील-पत्थरों का विवरण दिया गया – 1990 में पहले महाधिवेशन के बाद ऐतिहासिक रैली, 1993 में जब पूरा देश और खासतौर पर मुंबई राज्य द्वारा आयोजित सांप्रदायिक हिंसा की जकड़ में था तो उस समय ”कांग्रेस पार्टी, भाजपा, दोनों पर रोक लगाओ!” के नारे के साथ आयोजित रैली, जब राज्य कारगिल युध्द के समय लोगों को पाकिस्तान के खिलाफ़ उकसाने की कोशिश कर रहा था तब ”गरीबी के खिलाफ़ जंग” नारे के साथ पार्टी का अभियान, इराक में हिन्दोस्तानी फौज भेजने के खिलाफ़ अभियान, क्लिंटन और बुश की यात्राओं के खिलाफ़ प्रदर्शन, नौजवानों के बीच तथा सांस्कृतिक मंच पर काम, 26 नवंबर, 2008 के बाद पाकिस्तान के खिलाफ़ उन्माद के दौरान ”दक्षिण एशिया में शांति” की रैली, महान अक्तूबर समाजवादी क्रांति की 90वीं सालगिरह पर उसके सबकों को याद करने के लिए 2007 में आयोजित ऐतिहासिक रैली, इत्यादि। प्रस्तुति के बीच में विभिन्न अहम राजनीतिक एवम संगठनात्मक विषयों पर विस्तारपूर्वक बात रखी गई, जैसे कि कम्युनिस्ट पार्टी की जरूरत, किस प्रकार की पार्टी, पार्टी के अखबार और प्रचार माध्यम का महत्व, लोकतांत्रिक केन्द्रीयवाद का असूल, राजकीय आतंकवाद और सांप्रदायिक हिंसा, एकता और अखंडता का शासक वर्ग का नारा, पार्टी और उसके जन संगठनों के बीच संबंध, सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ में समाजवाद के अनुभव से सबक, महिलाओं के बीच में कम्युनिस्टों का काम, लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें संगठित करने में पार्टी का अनुभव, इत्यादि।
साथियों को इस सवाल पर सोचने और चर्चा करने को कहा गया कि ”हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी आपको न तो पैसे देती है, न नौकरी और न ही कोई ठोस लाभ की चीज़। फिर आप इसमें क्यों शामिल हुए?” अनेक साथी इस सवाल का जवाब देने को उत्सुक थे। ”पार्टी हमें पैसे से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ देती है। पार्टी हमें ज्ञान देती है, मानव विकास और सामाजिक विकास का विज्ञान सिखाती है, तत्कालीन गतिविधियों को समझने में मदद देती है और आगे का रास्ता दिखाती है। पार्टी हमें सम्मान, समानता और आत्मविश्वास दिलाती है। पार्टी हमें भविष्य के लिए आशावादिता देती है, अंधी आशावादिता नहीं बल्कि विज्ञान पर आधारित आशावादिता।” साथियों के जवाबों से ये कुछ बातें सामने आयीं।
उसके बाद कई क्रांतिकारी गीत पूरे जोश के साथ गाये गये और दर्शकों ने भी उत्साह से गीत में हिस्सा लिया। इंटरनेशनल गीत के साथ यह उत्साहपूर्ण कार्यक्रम समाप्त हुआ।