
15 जुलाई, 2021 को भारतीय रेल के चालकों ने ऑल इण्डिया लोको रनिंग स्टॉफ ऐसासिएशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) के बैनर तले देशभर में विरोध प्रदर्शन किया। रेलवे के विभिन्न मंडलों की अलग-अलग लाबियों – बनारस, गोरखपुर, मऊ, छपरा, लखनऊ, बरेली, इलाहाबाद, हाजीपुर, सोनपुर, मुज्जफरपुर और बारौनी आदि पर विरोध प्रदर्शन किये गए। कई जगहों पर रेलवे प्लेटफार्मों पर जुलूस निकाले गये, जिनमें महिला रेल चालकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

रेल चालकों ने भारतीय रेल में हो रहे निजीकरण का विरोध करने तथा अपनी लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिये इस विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया था। विरोध प्रदर्शन का यह अभियान ए.आई.एल.आर.एस.ए. की केन्द्रीय कार्यकारिणी के फै़सले के अनुसार किया गया था। कार्यकारिणी की ओर से आह्वान किया गया था कि 10 जुलाई से 15 जुलाई तक विरोध सप्ताह मनायेंगे और सभी चालक अपनी-अपनी लाबियों पर इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन करेंगे। 15 जुलाई को काला दिवस मनाते हुये विरोध प्रदर्शन करेंगे। रेलमंत्री को अपनी मांगों के समर्थन में अपने हस्ताक्षर के साथ पत्र भेजेंगे।

रेल चालकों ने अभियान बतौर अन्तर्देशीय पत्र पर अपनी जायज़ मांगों के समर्थन में हस्ताक्षर करके रेलमंत्री जी को भेजे। इस अभियान को पूरे देश के रेलवे मुख्यालयों – फुलेरा, जयपुर, बांदीकुई, अनारा, आदि पर आयोजित किया।

केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कामरेड रामसरन ने बताया कि सरकार भारतीय रेल के निजीकरण पर आमादा है, लेकिन रेल चालक अपने संघर्ष पर अडिग हैं। रेलवे में हजारों पद खाली पड़े हैं लेकिन सरकार इन पदों पर भर्ती करने की बजाय, मौजूदा कर्मचारियों का अति शोषण कर रही है। हमारी मांग है कि सभी रिक्त पदों को तुरंत भरा जाये। रेल चालकों की लम्बे समय से लंबित और वर्तमान मांगों को पूरा किया जाये।
सभी लाबियों पर रेलवे अधिकारियों को मांगपत्र सौंपे गये।
मांगपत्र में दी गई मुख्य मांगें हैं:
- रेलवे का निजीकरण बन्द किया जाए।
- श्रम कानूनों में किये गये संशोधन को वापस लिया जाए।
- टूल बॉक्स के बदले ट्राली बैग देना बंद किया जाए।
- एन.पी.एस. को समाप्त करके पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए।
- महंगाई भत्ता और राहत भत्ता (डी.आर.) फ्रीज करने के आदेश को रद्द किया जाए।
- नाईट ड्यूटी अलाउएंस (एन.डी.ए.) की सीलिंग को समाप्त करते हुए, सभी रनिंग कर्मचारियों को एन.डी.ए. का भुगतान किया जाए।
- कोविड-19 महामारी में घोषित लॉकडाउन की अवधि के दौरान रनिंग स्टॉफ को मूल वेतन का 30 प्रतिशत किलोमीटर रनिंग भत्ता बतौर भुगतान किया जाए क्योंकि गाड़ियों को चलना रुक गया था।
- 9 घण्टे से ज्यादा की ड्यूटी लेना बन्द किया जाए।
- 36 घण्टे में मुख्यालय पर वापसी को सुनिश्चित किया जाए।
- सवारी गड़ियों के चालक से मालगाड़ी का परिचालन बन्द किया जाए।
- लॉकडाउन में फंसे रेल चालकों, सहायक रेल चालकों को रेलवे के आदेश के तहत विशेष आकस्मिक अवकाश दिया जाए।
- रिक्त पदों को तत्काल भरा जाये।