हमारी पार्टी के चौथे महाअधिवेशन के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के बाद, महाअधिवेशन के फैसलों के अनुसार काम की दिशा तय करने के लिये, अलग-अलग इलाकों में इलाका गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। इसी उद्देश्य के साथ, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की दिल्ली इलाका समिति ने जनवरी 2011 में एक महत्वपूर्ण इलाका गोष्ठी आयोजित की। इलाके में काम को कैसे आगे बढ़ाया जाये, इस पर ग
हमारी पार्टी के चौथे महाअधिवेशन के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के बाद, महाअधिवेशन के फैसलों के अनुसार काम की दिशा तय करने के लिये, अलग-अलग इलाकों में इलाका गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। इसी उद्देश्य के साथ, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की दिल्ली इलाका समिति ने जनवरी 2011 में एक महत्वपूर्ण इलाका गोष्ठी आयोजित की। इलाके में काम को कैसे आगे बढ़ाया जाये, इस पर गोष्ठी में हुई चर्चाओं में पार्टी के सदस्यों और समर्थकों तथा पार्टी की अगुवाई में काम करने वाले जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सक्रियता से भाग लिया।
गोष्ठी में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुये, पार्टी की दिल्ली इलाका समिति के सचिव ने हिन्दोस्तान में कम्युनिस्ट आन्दोलन की शुरुआत से लेकर आज तक की स्थिति का संक्षिप्त जायज़ा पेश किया। उन्होंने समझाया कि हिन्दोस्तान में क्रांति के स्थगित रह जाने के पीछे मुख्य कारण यह है कि दो प्रमुख कम्युनिस्ट पार्टियां, भाकपा तथा माकपा सत्ता में बैठे पूंजीपति वर्ग के साथ समझौते की राजनीति अपनाती हैं, बहु-पार्टीवादी प्रतिनिधित्व के लोकतंत्र के मौजूदे व्यवस्था के बारे में भ्रम फैलाती आयी हैं, पूंजीपतियों की हुकूमत का तख्तापलट करने और श्रमजीवी अधिनायकत्व स्थापित करने के कार्यक्रम के इर्द-गिर्द मजदूर वर्ग को संगठित करने से हमेशा पीछे हटती रही हैं। हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी मजदूर वर्ग की अगुवाई में मजदूरों और मेहनतकशों को संगठित करने पर वचनवबध्द है और हमारी पार्टी का यह नजरिया है कि हिन्दोस्तान के परजीवी पूंजीपति वर्ग के शासन और पूंजीवादी व्यवस्था का तख्तापलट करके, समाजवाद और कम्युनिज्म की ओर बढ़ने के उद्देश्य से श्रमजीवी अधिनायकत्व स्थापित करके ही, वर्तमान हिन्दोस्तानी समाज के संकट का समाधान हो सकता है।
उन्होंने बताया कि दिन-ब-दिन जो सारी बातें खुलकर सामने आ रही हैं, उनसे यह स्पष्ट हो रहा है कि बड़े-बड़े पूंजीवादी इजारेदार घराने राज्य, अर्थव्यवस्था और विभिन्न सरकारों की नितियों पर नियंत्रण करते हैं, कि राज्य मेहनतकश जनसमुदाय का शोषण करके इन मुट्ठीभर परजीवियों के अधिकतम मुनाफों को सुनिश्चित करने का काम करता है। अंत में उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदलना होगा, ताकि अर्थव्यस्था को नई दिशा दिलाई जा सके, मेहनतकशों की ज़रूरतों को पूरा करने और उनकी सुरक्षा व खुशहाली सुनिश्चित करने की दिशा दिलाई जा सके।
गोष्ठी में बीते 6 महीनों में इलाके में पार्टी के काम की रिपोर्ट पेश की गई। सभी उपस्थित साथी रिपोर्ट से बहुत उत्साहित हो गये क्योंकि आडियो-विजुअल प्रस्तुति के दौरान जो तसवीरें स्क्रीन पर दिखाई गईं, उन कार्यक्रमों में प्रत्येक साथी ने कहीं-न-कहीं खुद को पाया और उन घटनाओं की यादें फिर से ताजी हो गयीं।
इसके बाद, पार्टी के इलाका समिति के साथियों द्वारा पार्टी के संगठन और काम के विभिन्न पहलुओं पर प्रस्तुतियां की गईं तथा उन पर चर्चा हुई।
प्रथम सत्र में साथियों ने पार्टी के बुनियादी संगठनों के महत्व पर चर्चा की। पार्टी का बुनियादी संगठन कम्युनिज्म की पाठशाला है, उन्होंने समझाया, जिनमें पार्टी के सदस्यों को पार्टी के सिपाही बतौर प्रशिक्षित और मजबूत किया जाता है, मजदूर वर्ग की हिरावल पार्टी की लाइन और राजनीतिक दृष्टि से शिक्षित किया जाता है। हमारी पार्टी के संगठन के आधार बतौर, लोकतांत्रिक केन्द्रीयवाद के असूल पर चर्चा हुई, जिसमें सहभागियों ने खुद अपने अनुभवों के ज़रिये इस असूल का महत्व समझा।
पार्टी और उसके जन संगठनों के बीच संबंध, यह एक और सत्र का विषय था। साथियों ने समझाया कि जन संगठन पार्टी को जनसमुदाय के साथ जोड़ते हैं और उनके ज़रिये पार्टी की लाईन जनसमुदाय के बीच अपनी जड़ें जमा लेती है। मजदूरों, नौजवानों, महिलाओं और इस समय राजनीतिक सत्ता से वंचित सभी तबकों को सत्ता में लाने के लिये, पार्टी के जन संगठनों के काम पर जोश के साथ चर्चा हुई।
गोष्ठी में हुई चर्चाओं में हिन्दोस्तान के नव-निर्माण के लिये पार्टी के कार्यक्रम की पुष्टि की गई। इस नव-निर्माण के कार्यक्रम के इर्द-गिर्द इस इलाके के साथी मजदूरों, महिलाओं, नौजवानों और प्रगतिशील बुध्दिजीवियों को लामबंध करते आ रहे हैं। लोक सत्ता के भावी उपकरण बतौर लोगों को अपने काम के स्थानों तथा रिहायशी इलाकों में समितियों में संगठित करने के महत्व पर ज़ोर दिया गया। इन समितियों के ज़रिये, कई रिहायशी इलाकों में लोगों को अपने अधिकारों के लिये – बेहतर नागरिक सुविधाओं के लिये, महंगाई के खिलाफ़ तथा सर्वव्यापक सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के लिये – एकजुट होकर संघर्ष करने को संगठित किया गया है। इस सत्र में सदस्यों ने चुनाव प्रक्रिया में पार्टी के साथियों के अनुभवों – जनता के बीच में से उम्मीदवारों का चयन, चुने गये प्रतिनिधियों को जनता के सामने जवाबदेह ठहराना, चुनाव अभियान के नये-नये तरीकों, इत्यादि को उत्साह के साथ याद किया।
पार्टी के चौथे महाअधिवेशन की रिपोर्ट का अध्ययन करने तथा दूर-दूर तक उसे वितरित करने के महत्व पर साथियों ने जोर दिया। पार्टी की लाइन, देश व दुनिया में राजनीतिक स्थिति के बारे में पार्टी का मूल्यांकन, हिन्दोस्तान की राजनीतिक व्यवस्था और प्रक्रिया के बारे में पार्टी का मूल्यांकन और क्रांति के पथ पर पार्टी की सोच, इन सब पर चर्चा हुई। अगले तीन महीने के काम की योजना पर चर्चा के दौरान, साथियों ने अपने-अपने रिहायशी इलाकों तथा काम की जगहों पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) और शहीदी दिवस (23 मार्च) को मनाने की योजनायें बनाईं।
लोगों को अपने शोषण-दमन के खिलाफ़ तथा अपने अधिकारों की हिफ़ाज़त के लिये संगठित करने के दौरान, पार्टी की लाइन को मेहनतकशों के बीच ले जाने के फैसले की पुष्टि करने और इलाके के साथियों की एकता को मजबूत करने की दिशा में यह गोष्ठी एक महत्पूर्ण कदम थी।